शिवपुरी। किसानो की दम पर भाजपा को सत्ता से बेदखल करने वाले किसान कांग्रेस सरकार संकट में हैं। यूरिया के किसान ही नही उसकी पूरा परिवार लाईन में लगा हैं,यूरिया तो नही पुलिस के लठठ मिल रहे हैं। तो उधर भावांतर के खरीदी केन्द्रो पर भारी भ्रष्टाचार और अनिमितताओ के बीच जिले के लगभग 65 हजार किसान उपनी उपज बेचने से वंचित रह गए। भाजपा रिलेक्स मोड में है तो कांग्रेस नेता स्वागत सत्कार में लगे है अभी तक इस मामले में किसी भी नेता का बयान नही आया हैं।
जिले में समर्थन मूल्य पर चल रही खरीदी शनिवार को खत्म हो गई। आखिरी दिन तक लगभग 21 हजार किसान ही अपनी उपज बेच पाए हैं, जबकि जिले में 86 हजार 807 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। सोसायटियों पर उपज तौल में देरी की वजह से अधिकांश किसान उपज लेकर ही नहीं पहुंचे। कई किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लौटा ले गए। इसके बाद भी आखिरी दिन तक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां की लंबी लाइन लगी रही।
आखिरी दिन जिन किसानों की उपज की तौल नहीं हो सकी, उन्हें उपज की सर्वेयरों से जांच कराकर टोकन बांट दिए गए हैं। ऐसे किसानों की उपज एक-एक कर तौली जाएगी, लेकिन 19 जनवरी के बाद आने वाले किसान उपज नहीं बेच पाएंगे। ऐसे में किसानों को इंतजार है कि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी की तारीख आगे बढ़ाए ताकि वे अपनी उपज बेच सकें।
तुलाई देरी से होने के कारण किसान हताश
उपार्जन केंद्रों पर उपज तौलने की रफ्तार धीमी है। इस वजह से किसान हताश हैं। कांटे लगाकर ज्यादा लेबर नहीं लगाई जा रही जिससे किसानों की उपज की तौल में परेशानी आ रही है। पिपरसमा वेयर हाउस पर किसान चक्काजाम लगा चुके हैं। इससे पहले भौंती में भी किसान वारदाना नहीं होने पर ट्रैफिक जाम लगा चुके हैं। खरीदी में भेदभाव के आरोप किसानों ने लगाए हैं।
आखिरी तारीख होने पर किसानों को टोकन बंटवा दिए हैं
समर्थन मूल्य पर खरीदी की आखिरी तारीख 19 जनवरी रखी गई थी। आखिरी दिन लाइन में लगे किसानों को टोकन बंटवाकर उपज तुलवाई जा रही है। खरीदी की तारीख संभवत: 25 जनवरी तक बढ़ाई जा सकती है।
नारायण शर्मा, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, शिवपुरी
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