शिवपुरी। जिले में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। जिले में दिन दहाडे घटनाएं हो रही है। परंतु बेहतर पुलिसिंग का दाबा शिवपुरी पुलिस कर रही है। पुलिस का दाबा है कि चुनाव के मध्येयनजर पूरे जिले में पुलिस मुस्तैद है। इस मुस्तैदी का खामियाजा शहर के आम से लेकर खास लोगों तक उठाना पड रहा है।
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। नामांकन दाखिल करने को लेकर प्रशासन ने नगर पालिका के सामने कोर्ट रोड पर बेरीकेड्स लगवा दिया हैं। बाइक व पैदल राहगीरों को छोड़कर कारें व स्कूल बसों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया।
ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और उनके अभिभावक को उठानी पड़ी। क्योंकि इस रूट की स्कूल बसाें को अन्य रूटों से ले जाना पड़ा, लेकिन बसें बच्चों के घरों से एक किमी दूर तक ही पहुंच पाईं। इसके कारण बच्चों को करीब एक किमी पैदल चलकर अपने घर तक पहुंचना पड़ रहा है।
अंडर सेक्रेटरी पैदल चलकर कोर्ट पहुंचे, बदरवास BMO ने बदला रास्ता
बेरीकेड्स लगा होने पर गाड़ी जाने से रोक दी तो औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भोपाल से संबंधित अंडर सेक्रेट्री पंकज शर्मा अपने अधीनस्थों के साथ पैदल ही कोर्ट तक चलकर गए। वहीं बदरवास बीएमओ डॉ पिप्पल ने कोर्ट पेशी के लिए बार-बार कहा, फिर भी पुलिस वालों ने गाड़ी नहीं जाने दी। नाराज होकर डॉ पिप्पल लौट गए। कोर्ट पेशी पर ऑटो से कई पक्षकार आए लेकिन ऑटो को भी अंदर जाने नहीं दिया जा सका। पक्षकार पैदल ही कोर्ट तक पहुंचे।
कोर्ट से महिला न्यायाधीश को बच्चों को लेने आना पड़ा
स्कूल की बस को अंदर जाने से रोक दिया तो चालक घनश्याम बाथम ने बस खड़ी कर दी। फोन पर सूचना मिली तो महिला न्यायाधीश कार लेकर आ गईं। अपने बच्चों को कार में बिठाकर घर ले गईं। वहीं स्कूल बस में बैठे दूसरे बच्चों को लेकर ड्राइवर पीछे लौट गया। महिला जज ने स्कूल बस को प्रवेश नहीं मिलने पर आपत्ति भी जताई। लेकिन मौके पर पुलिस की तरफ से जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था।
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