BJP का मध्यप्रदेश प्लान फेल: BJP ही BJP को हराने में जुटी, असंतुष्त बिगाडेंगे गणित | Shivpuri News

शिवपुरी। वैसे तो पूरे प्रदेश में असंतुष्त भाजपा को नुकसान पहुंचाने का हर भरसक प्रयास कर रहे है। परंतु इन दिनों शिवपुरी जिले की हालात देखने लायक है। यहां पांचों विधानसभाओं पर भाजपा के ही लोगों में गुटजी खुलकर सामने आने लगी है। अभी तक यह कांग्रेस में होता रहा है। परंतु इस बार कांग्रेस का असंतुष्ट पक्ष भी अंदरूनी परेशान कर रहा होगा पर खुलकर कांग्रेस के लिए काम करता हुआ दिखाई दे रहा है। 

शिवपुरी जिले की पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव को लेकर भाजपा के प्रत्याशी इस समय टेंशन में देखे जा रहे हैं। पार्टी की गुटबाजी और कलह ने प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ा दी है। कारण यह है कि अधिकतर सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा घर के ही लोगों से जूझना पड़ रहा है। यानि की भाजपा को खुद भाजपाई ही हराने में लगे हैं। जिले की पांच में से अधिकतर सीटों पर पार्टी को खुद के ही नेताओं से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। स्थिति यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में तो भाजपा की ओर से जो टिकट दावेदार थे वही अब प्रत्याशियों के लिए खाई खोदने का काम कर रहे हैं। इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। स्थानीय कई प्रत्याशियों ने इसकी जानकारी वरिष्ठ नेताओं को दी है लेकिन यह डैमेज कंट्रोल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

कोलारस 

यहां पर भाजपा ने वीरेंद्र रघुवंशी को चुनाव में उतारा है लेकिन यहां पर टिकट न मिल पाने के बाद देवेंद्र जैन और उनके भाई जितेंद्र जैन गोटू चुनाव प्रचार से दूर हैं। इन दोनों नेताओं की इस सीट के चुनाव से दूरी व इनकी नाराजगी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां पर कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह यादव का छह माह विधायकी का कार्यकाल कुछ खास नहीं रहा। यहां पर भाजपा का कांग्रेस के अलावा खुद के ही लोगों से भी जूझना पड़ रहा है।

पोहरी

पोहरी में दो बार से विधायक प्रहलाद भारती को भाजपा ने फिर से मौका दिया है। ऐसे में इनके खिलाफ भाजपा के ही कई नाराज नेता इन्हें हराने में जुट हुए हैं। इस सीट पर टिकट चाहने वाले भाजपा के नरेंद्र बिरथरे, सोनू बिरथरे चुनाव प्रचार से दूर हैं। भाजपा से नाता तोड़कर कैलाश कुशवाह ने यहां पर बसपा का दामन थामा है और वह सीधे भाजपा को चुनौती दे रहे हैं।

करैरा

इस सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक के बेटे राजकुमार खटीक को टिकट दिया है। टिकट वितरण से नाराजगी के बाद करैरा के पूर्व विधायक रमेश खटीक ने पार्टी से नाता तोड़ सपाक्स से पर्चा भरा है और पार्टी के लिए मुसीबत बन गए हैं। यहां पर भाजपा प्रत्याशी राजकुमार खटीक को कांग्रेस प्रत्याशी जसबंत जाटव के अलावा अपने ही घर के लोगों यानि भाजपाईयों से ही ज्यादा जूझना पड़ रहा है। ऐसे में वह अपने प्रचार से ज्यादा रूठों को मनाने में बिता रहे हैं।

पिछोर

इस सीट पर भाजपा ने प्रीतम लोधी को टिकट दिया है। पांच बार के कांग्रेस विधायक केपी सिंह के सामने प्रीतम को मैदान में उतारे जाने के बाद यहां पर बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिए जाने की बात कही जा रही है। पिछोर से भाजपा के जो नेता टिकट लाइन में थे वह प्रचार में तो आ रहे हैं लेकिन अंदरूनी तौर पर पार्टी की खाई खोदने में लगे हैं। यहां पर पांच से छह नेता ऐसे हैं तो टिकट लाइन में थे लेकिन अब इन्हें साधना पार्टी के लिए मुसीबत बन गया है। 

शिवपुरी 

इस सीट पर वैसे तो एक तरफा बढ़त अभी भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया बनाई हुई हैं लेकिन सरकार के खिलाफ 15 साल की एंटी इंकंबेंसी से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ लढ़ा को फायदा मिल रहा है। इस सीट पर भी संगठन से जुड़े कुछ नेता अभी प्रचार अभियान से दूर बने हुए हैं। यशोधरा समर्थक कुछ चिंहित नेताओं को ही यहां पर प्रचार में देखा जा रहा है। दूसरी सीटों पर विधायक रहे या अन्य टिकट दावेदार जिन्हें टिकट नहीं मिला उन्होंने प्रचार से दूरी बनाई हुई है।