शिवपुरी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल पर हुए खोफनाक हादसे ने पूरे देश को झकझौर कर रख दिया। इस हादसे में फॉल पर अचानक बढ़े पानी ने लोगों की जिदंगीयां छीन ली थी। वही 44 लोग लगभग 7 घण्टे जिंदगी और मौत के बीच झूझते रहे। पूरा प्रशासन मौके पर पहुंच गया। परंतु वह मूकदर्शक बनकर उक्त महज देखता रहा। परंतु कोई भी पानी में उतरने को तैयार नहीं हुआ। करोड़ो रूपए का बजट ठिकाने लगाकर रेस्क्यू के नाम पर रूपए ऐठने बाला विभाग महज रस्सी डालकर अपनी बाहवाही बटौरने का प्रयास करता रहा। इस बाटर फॉल पर न तो प्रशासन की और से कोई चेतावनी बोर्ड लगाए और न ही कोई पुलिस कर्मी तैनात किया गया। अगर पुलिस कर्मी तैनात किया जाता तो शायद उक्त हादसा टाला जा सकता था।
इसी बीच पुलिस की जो तस्वीर सामने आई है वह अमानवीय है। इस तस्वीर में एक पुलिस कर्मी रेस्क्यू कर निकाली गई लाश को लात मार रहा है। उक्त पूरा बाक्या कैमरें में कैद हो गया। पुलिस का उक्त अमानवीय चेहरा सामने आने पर तत्काल ग्वालियर एसपी नबनीत भसीन के पास भेजा गया।
नवनीत भसीन ने उक्त वीडियों देखा तो उन्हें भी अमानवीयता समझ आ गई। तत्काल पता लगाया कि उक्त आरक्षक कौन है और कहा पर पदस्थ है। जब पता चला कि उक्त आरक्षक का नाम रामवरण रावत सामने आया।उक्त आरक्षक पुलिस थाना मोहना में पदस्थ है। तत्काल पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने उक्त आरक्षक को लाईन अटैच कर दिया है।
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