शिवपुरी। पूर्व नपाध्यक्ष रहे स्व.लक्ष्मीनारायण शिवहरे की सुपौत्री कु.तनुश्री शिवहरे ने शिवपुरी का नाम रोशन किया है। उन्होंने देहरादून की आइएमएस यूनीसन यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी के पांच वर्षीय कोर्स में यूनिवर्सिटी टॉप करने का गौरव प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि पर शिवहरे परिवार में खुशी का वातावरण है। कु. तनुश्री अपनी बड़ी बहन कु. ज्योति शिवहरे की तरह प्रतिभाशाली है। देश के प्रसिद्ध सिंधिया स्कूल की छात्रा रही कु.ज्योति ने इंदौर की जीएसआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साईंस में बीटेक की डिग्री प्राप्त की और इस समय अमेरिका मेेंं इंजीनियरिंग के स्नात्कोतर पाठ्यक्रम में अध्ययन कर डेटा एनालिस्ट का कोर्स कर रही हैं।
तनुश्री समाज सेवी डॉ. रामकुमार शिवहरे की भतीजी हैं। उनकी मां श्रीमति बंदना शिवहरे पूर्व पार्षद हैं और पिता राजेंद्र शिवहरे प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं। उनके दो पुत्रियां है और दोनों बेटियों ने उनका जो मान बढ़ाया है उसने सिद्ध किया है कि बेटियां किसी भी प्रकार बेटों से कम नहीं। तनुश्री ने हायर सेकेण्डरी परीक्षा में जिले की प्रावीण्य सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया और इसके बाद उन्होंने देहरादून की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में बीए एलएलबी में दाखिला लिया।
तनुश्री ने प्रत्येक सेमेस्टर में टॉप किया और फाईनल रिजल्ट में शानदार सफलता हांसिल कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। उन्हें टॉपर होने के कारण देहरादून में नबंवर में होने वाले दीक्षांत समारोह में उत्तराखण्ड के राज्यपाल द्वारा सम्मानित कर गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा। तनुश्री की उपलब्धि पर उन्हें डॉ. रामकुमार शिवहरे, डॉ. शैलेंद्र गुप्ता, नपा उपाध्यक्ष पदम काका, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लड़ा, पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता, राकेश जैन, राजेश यादव, विजय शर्मा, अशोक कोचेटा, रामकुमार शर्मा, जगमोहन सिंह सेंगर आदि ने हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
मैने न्यायिक सेवा को बनाया है अपना लक्ष्य : तनुश्री
बीएएलएलबी की प्रतिष्ठित परीक्षा में यूनिवर्सिटी टॉपर तनुश्री ने चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने न्यायिक सेवा को अपना लक्ष्य बनाया है। उन्होंने बताया कि उनके दादा स्व. लक्ष्मीनारायण शिवहरे का सपना था कि मैं जज बनूं और उनके सपने को पूरा करने के लिए ही मैं न्यायिक क्षेत्र में आईं हूं। बीएएलएलबी करने के बाद अब मैं न्यायिक सेवा परीक्षा में भाग लेकर जज बनूंगी और अपने दादा के सपने को साकार करूंगी।
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