शिवपुरी। कलेक्ट्रेट में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आज एक अजीबोगरीब वाक्या हुआ। कलेक्टर तरूण राठी के चैम्बर में एक सामाजिक कार्यकर्ता अभिनंदन जैन ने उन्हें आवेदन देकर उनसे इस्तीफा मांगा। चैम्बर में ही कलेक्टर और अभिनंदन जैन के बीच तीखी झड़प हुई और कलेक्टर ने इस तरह के व्यवहार को गलत और आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि आपको संतुष्ट करने की जिम्मेदारी मेरी नहीं है। जहां तक इस्तीफे का सवाल है मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने श्री जैन से कहा कि एक शासकीय प्रतिनिधि से उनका इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। बातचीत के दौरान श्री जैन के तेवर भी काफी तीखे रहे। हालांकि बाद में कलेक्टर ने आवेदन लेकर उसे अपने पास रख लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता अभिनंदन जैन ने अपने आवेदन में लिखा कि पिछले दस माह में उन्होंने उनको जनसुनवाई में कई आवेदन जनसमस्याओं को लेकर दिए। जिनमें किसी का भी निराकरण नहीं हुआ। झांसी तिराहे पर उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिए।
शहर में आवारा घूम रहे पशुओं को पकडऩे के लिए भी आवेदन दिया, लेकिन उनके एक भी काम का निराकरण नहीं हुआ। यहीं नहीं श्री जैन ने आवेदन में यह भी लिखा कि शिवपुरी की ढाई लाख और जिले की साढ़े सात लाख जनता उनकी निष्क्रियता का खामियाजा भुगत रही है।
ऐसी स्थिति में या तो वह अपने पद से इस्तीफा दें या स्थानांतरण करा लें अथवा लम्बी छुट्टी पर चले जाएं। कलेक्टर राठी ने श्री जैन से कहा कि आपको मुझसे इस्तीफा मांगने का क्या अधिकार है। इस पर श्री जैन का जवाब था कि मैंने कोई व्यक्तिगत समस्या के लिए आपको आवेदन नहीं बल्कि जनसमस्याओं के लिए आवेदन दिया है।
कलेक्टर ने कहा कि जहां तक इस्तीफे का सवाल है तो मैं इस्तीफा नहीं दूंगा और मुझे यहां से हटाने का सवाल है तो उसके लिए आप गलत जगह पर आए हैं। एक शासकीय प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है।
पहले भी दे चुके हैं ऐसे आवेदन
अभिनंदन जैन कलेक्टर तरूण राठी को पहले भी ऐसे ही अजीबोगरीब आवेदन दे चुके हैं। एक आवेदन पत्र में उन्होंने कलेक्टर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके मोबाइल नम्बर को ब्लैक लिस्ट कर दिया है जिससे जनसमस्याओं पर वह उनसे बातचीत नहीं कर पाते। इस पर कलेक्टर ने उनसे कहा था कि यह मेरा अधिकार है किसे ब्लैक लिस्ट करना है और किसे नहीं। जहां तक ब्लैक लिस्टेड नम्बर हटाने का सवाल है तो मुझे हटाना आता नहीं है।
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