शिवपुरी की महिलाएं यूपी में जाकर महिलाओं को सिखा रहीं जैविक खेती के गुर

शिवपुरी। मध्प्रदेश-डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन शिवपुरी की प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा जैविक खेती एवं कृषि लाभ का धंधा कैसे बने इसके लिए जिले की महिलाओं के साथ-साथ उत्तरप्रदेश के कई जिलों की महिलाओं के समूहों को प्रशिक्षित कर जैविक खेती करने के गुर सिखा रही है जिसका परिणाम है कि उत्तरप्रदेश की महिलाएं कम्पोस्ट खाद्य का विक्रय कर आत्म निर्भर भी बनी है।

उत्तरप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के आग्रह पर मप्र-डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन शिवपुरी की स्वसहायता समूहों की महिलाओं के 80 सदस्यीय कृषि सीआरपी दल द्वारा गतदिनों उत्तरप्रदेश के ललितपुर, झांसी, जालौन, हमीरपुर जिले के ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को ग्रामों में जाकर महिलाओं के अलग-अलग समूहों को जैविक खेती एवं कृषि लाभ का धंधा कैसे बने इसके संबंध में प्रशिक्षण प्रदाय कर जैविक खेती के लिए प्रेरित किया।

कृषि सीआरवी दल की सदस्य के रूप में जिले की ग्राम नोहरीकलां की निवासी रामश्री चंदेल, ग्राम टोंगरा की सुनीता एवं रत्नेश ने बताया कि उत्तप्रदेश आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह की महिलाओं जिसमें उरई जिले के जीराखेड़ा और हमीरपुर झांसी, ललितपुर के कई ग्रामों में जाकर महिलाओं के समूहों को जैविक खेती के साथ-साथ कृषि लाभ का धंधा कैसे बने, इसकी रोचकपूर्ण जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश की महिलाओं को जैविक खेती के साथ-साथ फसलों में कीटनाशक के रूप में हर्वल कीटनाशक दवाओं का कैसे निर्माण कर उनका छिड़काव करें। महिलाओं ने बताया कि नीम की पत्ती एवं निवोली से बनने वाले नीमस्त्र, तंबाकू से बनने वाले कीटनाशक अग्निस्त्र, फसलों में लगने वाली इल्लियों को मारने हेतु बनाए गए बम्हस्त्र का भी प्रशिक्षण दिया गया। इन महिलाओ के समूहों को गोबर गैस संयंत्र, नाडिफ निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट का भी प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। प्रशिक्षण देने गई महिलाओं द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा प्रशिक्षण के रूप में उन्हें 15 दिवस का 13 हजार 60 रुपए का परिश्रमिक के रूप में भुगतान भी किया गया है।