पिछोर विधायक की बड़ी सौंगात: 2208 करोड़ की लोअर उर वृदह सिंचाई परियोजना से पिछोर क्षेत्र होगा हरा भरा

शिवपुरी। जिले के पिछोर विधानसभा क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए पूर्व मंत्री एवं विधायक केपी सिंह ने अपने अथक प्रयासों से 2208 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होने वाली लोअर उर वृहद सिंचाई परियोजना को मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से स्वीकृत करा लिया हैं। परियोजना पूरी होने के बाद पिछोर-खनियांधाना क्षेत्र के लगभग सभी गांव की 3 लाख 35 हजार बीघा जमीन में सिंचाई हो सकेगी वर्तमान में उक्त जमीन बंजर पड़ी हुई है।  यह जानकारी पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक केपी सिंह ने दी। 

उन्होंने बिना राजनैतिक लाग लपेट के बताया कि इस परियोजना की आधार शिला 1990 में भाजपा के पूर्व राजस्व मंत्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया रखना चाहते थे, लेकिन उस समय अनुकूल परिस्थिति न होने के कारण इस परियोजना को मूर्तरूप देने में सफल नहीं हो सके। विधायक श्री सिंह ने बताया कि यदि 1990 में इस परियोजना को यदि मंजूरी मिल जाती तब 25 हजार बीघा जमीन ही सिंचित हो सकती थी। लेकिन अब यह परियोजना नर्मदा घाटी के बाद प्रदेश में दूसरी होगी। जो आधुनिक नहरों से सुसर्जित एवं पानी लिफ्टिंग के माध्य से ऊंचाई पर स्थित खेती की जमीन को सिंचित करेगी।

पिछोर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व मंत्री केपी सिंह द्वारा आयोजित सहभोज में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस सिंचाई परियोजना को जमीन पर उतारना किसी सपने का साकार होने जैसा ही है। वर्ष 1982 के सर्वे अनुसार जिले के राजपुर ग्राम, भरसूला विकास खण्ड खनियांधाना में उर नदी पर बांध बनाकर 2800 मेगावाट की क्षमता का परमाणु ऊर्जा सयंत्र लगाकर विद्युत उत्पादन तथा लगभग 25 हजार बीघा भूमि में सिंचाई किया जाना था किन्तु बाद में राजपुर परमायु सयंत्र का कार्य मंडला जिले के छुटका में स्थापित होने के कारण स्व. माधवराव सिंधिया एवं लक्ष्मीनारायण गुप्ता द्वारा इस परियोजना को धरा पर लाने हेतु प्रयास किया था, लेकिन उन्नत तकनीकी और संसाधनों के अभाव में इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। 

उन्होंने बताया कि वर्ष 1993 में विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद इस योजना के बारे में संबंधित अधिकारियों से इसकी विधिवत जानकारी व दस्तावेज प्राप्त किए जिसमें पाया गया कि पूर्व के समय किए गए सर्वे में खुली नहर से पिछोर क्षेत्र की लगभग 25 हजार बीघा भूमि सिंचित होगी ज्यादातर असिंचित भूमि नहर से ऊंचाई पर थी, जिससे नहर से पानी वहां तक नहीं पहुंचाया जा सकता था। इस योजना को लेकर जनवरी 2014 को राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण योजना के माध्यम से परियोजना के विस्तृत  प्रतिवेदन भारत सरकार को प्रस्तुत किया उक्त प्रस्ताव में पिछोर-खनियांधाना क्षेत्र की मात्र 25 हजार बीघा भूमि सिंचित होनी थी। वर्ष 2015 में पुन: इस परियोजना के बारे ें नवीन तकनीकी (भूमिगत पाईप लाइन)अनुसार विस्तृत सर्र्वेक्षण हुआ। 

जिससे 4 लाख 50 हजार बीघा भूमि में सिंचाई का प्रस्ताव तैयार हुआ परन्तु इस प्रस्ताव में क्षेत्र की लगभग 1 लाख बीघा जमीन सिंचाई से वंचित रही। जिस पर विधायक केपी सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और, जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा से छूटे हुए गांवों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने हेतु पुन: सर्वे का आग्रह किया और 11 अप्रैल 2017 को पुन: परीक्षण किया गया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने असहमति व्यक्त कर दी। लेकिन बाद में उनके द्वारा पत्रों के माध्यम से 17 अगस्त, 30 नवम्बर, 18 दिसम्बर को पुन: मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री एवं प्रमुख सचिव से परियोजना में इन छुटे हुए गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने हेतु आग्रह किया परिणाम स्वरूप  शेष रहे गांव इस परियोजना शामिल गिए।

किसानों से जमीन न बेचने का किया आग्रह
पिछोर विधायक केपी सिंह ने समस्त क्षेत्र के किसानों से आग्रह किया है कि वे अब अपनी जमीन को बेचने से बचें क्योंकि लोअर उर वृहद सिंचाई परियोजना कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जो 4 साल के भीतर पूर्ण हो जाएगी। परियोजना के पूर्ण होने के बाद आज बंजर पड़ी जमीन सिंचित होने के कारण उपजाऊ बनेगी। यही जमीन आपको समृद्धि की ओर ले जाएगी।