
सपाक्स के जिलाध्यक्ष डॉ. कौशल गौतम ने बताया कि संगठन ने 2 अप्रैल के बंद का भी विरोध किया था और अब सोशल साइट्स पर 10 अप्रैल को सवर्ण व पिछड़ा वर्ग द्वारा कथित भारत बंद का मैसेज वायरल किया जा रहा है, लेकिन सपाक्स संगठन स्पष्ट करता है।
इस बंद में शामिल नहीं है और न ही इस प्रकार के किसी बंद के आव्हान को सपाक्स का समर्थन होगा। सपाक्स तोडफ़ोड़ और बंद जैसी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता। सपाक्स किसी वर्ग विशेष अथवा जातिवादी संगठन नहीं है बल्कि सामाजिक समरसता और सबकी समान प्रगति का पक्षधर है।