रिकॉर्ड देखिए, कोलारस की जनता का मूड बदलता रहता है

मुकेश रघुवंशी/शिवपुरी। पूरे प्रदेश की आखें इस समय कोलारस उपचुनाव की ओर हैं। इस सीट पर कौन बाजी मारता है। यह चुनाव प्रदेश के आगे होने वाले सीएम की बनती बिगडती तस्वीर पेश कर सकता है। यहां मुकाबला सीधे-सीधे प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच है। मप्र के राज्य गठन के बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पहली पर उपचुनाव हो रहा है। अभी तक जनता ने यहा आम चुनावों का नजारा दिखा है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र से अभी तक 6 बार कांग्रेस एवं 7 बार भाजपा जीत चुकी है। अनारक्षित सीट पर कांग्रेस एवं भाजपा तीन-तीन बार एवं आरक्षित सीट पर कांग्रेस तीन बार एवं भाजपा चार बार विजयी हो चुकी हैं।

आजाद भारत में जब मप्र का गठन नही हुआ था तब ग्वालियर, इन्दौर और मालावा की रियासतों को मिलाकर मई 1948 में मध्यभारत की स्थापना की गई थी। ग्वालियर राज्य को सबसे बड़ा और समृद्ध होने के कारण ग्वालियर राज्य के तत्कालीन शासक जीवाजी राव सिंधिया को मध्यभारत का आजीवन राजप्रमुख बनाया गया था। 

मध्य भारत में विधान सभा के आम चुनाव हुए थे। मध्यभारत में पंडित लीलाधर जोशी के नेतृत्व में सरकार बनी और कोलारस विधान सभा से स्वतंतत्रता संग्राम सेनानी पंडित वैदही चरण पाराशर पाराशर कानून, स्वास्थ्य एंव शिक्षा मंत्री बने थे। 

इसके बाद मध्यभारत के आम चुनावो में कांग्रेस के तुलाराम और पंडित नरहरि प्रसाद विधायक बने। 1 नवबंर को 1956 को मप्र राज्य का गठन हुआ और सन 57 में आम चुनाव हुए। इस चुनाव में कांग्रेस से पंडित वैदेहीचरण पाराशर, 
1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस श्रीमती मनोरमा त्रिवेदी, 
1967 में स्वतंत्र पार्टी से जगदीश वर्मा, 
1972 में भारतीय जनसंघ से जगदीश वर्मा, 

1977 में हुए परिसीमन में यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ। 
इसके बाद भारतीय जनसंघ से कामता प्रसाद बेमटे, 
1980 में कांग्रेस से पूरन सिंह बेड़िया, 
1985 में कांग्रेस से पूरन सिंह बेड़िया, 
1990 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक, 
1993 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक, 
1998 में कांग्रेस  से पूरनसिंह बेड़िया,
2003 में भाजपा से ओमप्रकाश खटीक,
2008 में हुए परिसीमन में यह विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित हुआ भाजपा से देवेन्द्र जैन, 
2013 में कांग्रेस रामसिंह यादव विजयी हो चुके हैं ।