
विक्रय पत्रों के अनुसार 30 दिसंबर 2016 को कोलारस तहसील के ग्राम डेहरवारा औैर मडीखेड़ा में 175 बीघा जमींन के विक्रेता मंजीत कौर व उसके पुत्र सुखविंदर सिंह, नरेन्द्र सिंह आदि ने गुरविंदर सिंह, चरण जीत सिंह, सुखचैन सिंह हरजिंदर सिंह सभी क्रेता पंजाब के रहने बाले हैं को उक्त जमीन का विक्रय कर दिया। लगभग हर खरीददार स्टांप ड्यूटी बचाना चाहता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ और इसी के साथ पूरा रैकेट सक्रिय हो गया।
कूटरचित खसरे बनाए गए और सरकारी तिजोरी को 3.5 करोड़ रूपए की स्टांप ड्यूटी की चपत लगा दी गई। अब जबकि तिजोरी के रखवाले ही घोटाले में शामिल थे तो रोकता कौन। बाद में जब मामला सामने आया तो वरिष्ठ अधिकारी भी कॉफी विद करण हो गए। उक्त आशय कि शिकायत लोकायुक्त,ईओडब्ल्यू,आईजी रजिस्टे्रशन व पीएस को की गई है।