ओशो के अनुसार मनुष्य के अंदर ही है आनंद की खोज: स्वामी एकांत ध्यान

शिवपुरी। ओशो ने हमेशा मनुष्य को हष्ट-पुष्ट और सरल स्वभाव में जीने का संदेश दिया है ओशों के अनुसार मनुष्य के भीतर ही आनंद की खोज है बस उसे पहचानने की आवश्यकता है शिवपुरी में त्रिदिवसीय ओशो शिविर का आयोजन भी 'स्वयं के भीतर आनंद की खोज’ विषय को लेकर आयोजित किया गया जो यह बताता है कि यदि मनुष्य स्वयं को पहचान ले तो स्वयं आनंदित हो जाएगा और यह जीवन भी सुखमय होगा।  

आनन्द की यह खेाज बता रहे थे ओशो ध्यान केन्द्र चांपा छत्तीसगढ़ से शिवपुरी आए स्वामी एकांत ध्यान जो स्थानीय परिणय वाटिका में आयोजित ओशो शिविर को संबोधित करते हुए ओशो की वाणी को अपने सरल शब्दों में बयां कर रहे थे। इस दौरान ओशो प्रेमियों ने उत्साह, उल्लास के साथ विभिन्न प्रकार के योग, ध्यान क्रियाऐं की और उत्सव मनाया। स्वामी ध्यान निर्दोष(रविन्द्र गोयल) व भूपेन्द्र विकल ने बताया कि इस त्रिदिवसीय ओशो ध्यान शिविर में ओशो की पुस्तकों की प्रदर्शनी उज्जैन के स्वामी अंतर क्रांति एवम मधुवन चाँपा छत्तीसगढ़ के स्वामी मिठाई लाल ओशो की ऑडियो,वीडियो केसेट, चिप, पोस्टर, प्रदर्शनी लगाई गई है जिसका ओशो अनुयायियों के साथ-साथ आमजन भी लाभ उठा सकेंगें।

इसी तरह से बसई की माँ सावित्री ध्यान वस्त्रो की प्रदर्शनी भी लगाई गई है इन प्रदर्शनियों में ओशो का साहित्य बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा। त्रिदिवसीय ओशो शिविर के दौरान कार्यक्रम में हास्य और श्रृंगार रस पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें संजय शाक्य, सत्तार कुर्रेशी, मुबीन अहमद मुबीन, जुगलकिशोर चौबे, मॉं प्रिया, मॉ प्रांशुल और इन्दौर से देश के प्रख्यात शायर कवि अभिषेक जैन शामिल हुए। 

जिन्होंने परिणय वाटिका में आयोजित कवि सम्मेलन में काव्य पाठ किया जो रात 9 बजे से शुरू होकर 12 बजे तक अनवरत रूप से चलता रहा जिसमें उत्साह और उल्लास नजर आया। हास्य और श्रृंगार पर हुए इस कवि सम्मेलन में अन्य स्थानीय कविगणों ने भी अपना काव्य पाठ किया और ओशों के जीवन को लेकर कविताओं में उनके जीवन को पिरोया। इस दौरान एक सैकड़ा से अधिक ओशो प्रेमी शिविर में मौजूद रहे।