
इस शोभा यात्रा में भगवान को तीन रजत पालकियों में विराजमान कर श्रीचन्द्रप्रभ् दिगम्बर जैन मंदिर से नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए ए.बी. रोड स्थित पाश्र्वनाथ उद्यान (उत्सव वाटिका) में ले जाया गया।शोभायात्रा बैण्डबाजे, दिव्यघोष, शहनाई, घोड़े, बग्गियों पर सवार इन्द्र-इन्द्राणियों से सुशोभित हो रही थी। शोभायात्रा में दो झांकियों कमठ का उपसर्ग एवं श्री सम्मेख शिखरजी की यात्रा का अदभुत चित्रण देखने को मिला।
शोभायात्रा में सभी वर्ग के लोग आनन्द पूर्वक शामिल हुए एवं नगर में द्वार-द्वार पर भगवान की पालकियों के सामने आरती एवं रंगोलियाँ सजाईं गईं। शोभायात्रा के उत्सव वाटिका पहुचने के उपरान्त भगवान का अभिषेक एवं पूजन किये गये इसके उपरान्त मुनिश्री सुव्रतसागर जी महाराज के मंगल प्रवचनों लाभ सभी को मिला। कार्यक्रम के समापन के उपरान्त समाज का सहभोज हुआ।