शहर मे वर्दी का आतंक : आरक्षक ने महिला सहित 2 युवकों को जमकर पीटा

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शिवपुरी। शहर में इस समय वर्दी का आतंक चल रहा है। इससे पूर्व तक पुलिसकर्मियों के आचरण में सुधार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाईयां हुआ करतीं थीं परंतु अब पुलिसकर्मियों को अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है। अभी बजरंग कॉलोनी में एक एएसआई के द्वारा एक महिला की मारपीट और अभद्रता का मामला प्रकाश में आया था। आज फिर एक और वर्दी का आतंक सामने आ गया है। 

बताया जा रहा है कि फिजीकल थाने में पदस्थ एक आरक्षक ने देहात थाना क्षेत्र में एक मामूली सी बात पर एक महिला और 2 युवको के साथ जमकर मारपीट की है। हालाकि इस मामले में पुलिस ने आरक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है लेकिन आम रास्ते से बाईक हटावाने के लिए आम आदमी को मार खाने पडी बेज्जईत होना पड़ा और एक मामला भी झेलना पड़ा। अब आप ही बताईए कि पुलिस से क्यों नही डरे आम पब्लिक........सवाल बडा है खैर छोडिए अब मूल खबर की ओर चलते है। 

जानकारी के अनुसार शहर के देहात थाना क्षेत्र के जाटव मोहल्ले में रहने वाले एक आरक्षक गणेशराम जाटव ने कल पड़ोसियों की जमकर इसलिए मारपीट की, क्योंकि आरक्षक ने बीच सडक़ पर अपनी बाइक खड़ी कर दी जिससे रास्ता जाम हो गया था। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों पर क्रॉस मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

जानकारी के अनुसार फिजीकल थाने में पदस्थ आरक्षक गणेशराम जाटव बीती रात्रि अपने मोहल्ले में मित्रों के साथ बैठा हुआ था जहां उसने बीच रास्ते में अपनी बाइक खड़ी कर दी जिससे रास्ता जाम हो गया। उसी समय महेश जाटव वहां से गुजरा तो उसने आरक्षक से बाइक हटाने के लिए कहा जिस पर आरक्षक ने महेश की मारपीट कर दी। 

जिसे बचाने के लिए विजय और उसकी पत्नि पुष्पा जाटव वहां आई तो आरोपी ने उसकी भी मारपीट कर दी जिससे वह तीनों घायल हो गए। पीडि़त महेश ने बताया कि वह रात्रि में देहात थाने पहुंचे तो पुलिस ने महेश की रिपोर्ट पर से भादवि की धारा 323, 294, 506, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया।

लेकिन आज सुबह उन्हें जानकारी लगी है कि पुलिस ने आरक्षक गणेशराम जाटव की फरियाद पर से महेश, विजय, अंकित और कल्लू जाटव के खिलाफ भादवि की धारा 294, 323, 324, 506, 427, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 

घायल हुए महेश ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने आरक्षक को बचाने के लिए उनके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज कराया है, क्योंकि आरक्षक ने उनकी मारपीट की और वह अस्पताल में भर्ती है जबकि आरक्षक अभी भी स्वस्थ होकर मजे से ड्यूटी कर रहा है। 

इस मामले में प्रशासन की दो तरह के नियम चल रहे है। एक शिक्षक ने सोशल मीडिया पर अधिकारी की फोटो डाले तो तत्काल एफआईआर हो गई, और उसे सस्पैंड भी तत्काल कर दिया गया। इस आरक्षक पर भी एफआईआर हुई है, लेकिन उसे सस्पेंड नही किया गया है। 

इनका कहना है
एक ही मामले में दो कार्यवाही तो नहीं हो सकती। अगर केस रजिस्टर हो गया है तो आरक्षक पर कोई भी कार्यवाही नहीं होगी। अगर कोई भी कर्मचारी 24 घण्टे से ज्यादा जेल में रहकर आता है तब कोई विभागीय कार्यवाही बनती है। 
सुनील कुमार पाण्डे,पुलिस अधीक्षक शिवपुरी।
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