श्रेय की राजनीति: राजे के समर्थन में भाजपा पार्षद, कहा राजे संकटमोचन

शिवपुरी। शिवपुरी नगर के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली सिंध जलावर्धन योजना पर अब श्रेय की रजनीति शुरू हो गई है, अभी नपा अध्यक्ष अपनी जिद पर अड गए थे कि डेम के इंटकबैल से सतनवाडा संपबैल तक पानी पहुचाने के लिए वे ही बटन दवाए,लेकिन यशोधरा राजे ने इंटकवैल तक पानी बटन दबाकर पहुंचाया। 

नपाध्यक्ष कुशवाह ने इसके जवाब में मड़ीखेड़ा जाकर विद्युत सब स्टेशन और पैनल सैट का पूजन कर श्रेय लूटने की दौड़ में अपने आपको शामिल कर लिया। इसके बाद राजनीति में उबाल आ गया और यशोधरा समर्थकों ने नपाध्यक्ष कुशवाह को नसीहत दी कि उनका योजना के क्रियान्वयन में कोई योगदान नहीं है इसलिए श्रेय लूटने की बजाय वह योजना के पूर्ण होने में यशोधरा राजे का सहयोग करें।   

भाजपा के समस्त पार्षदों ने प्रेस बयान में बताया कि पटरी से उतरी इस योजना को पूर्ण कराने में प्रदेश सरकार की मंत्री और स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया का अहम योगदान रहा है। जब-जब भी योजना पर संकट के बादल मंडराये तब-तब यशोधरा राजे ने संकट मोचक की भूमिका निर्वहन कर शिवपुरी की जनता को राहत प्रदान की है। 

शिवपुरी के घर-घर तक सिंध का पानी पहुंचे इसके लिए यशोधरा राजे दिन रात मेहनत कर रही हैं और प्रति सप्ताह शिवपुरी आकर दोशियान प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों से बैठक कर जल्द से जल्द इस योजना को पूर्ण करने के प्रयास में लगी हैं। हालांकि यह काम नगरपालिका को करना चाहिए था लेकिन कांग्रेस शासित नगरपालिका और नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया जबकि उन्हें ऐसा करना चाहिए था। 

भाजपा नेताओं ने श्री कुशवाह से सवाल किया है कि वह ईमानदारी से जनता को बताएं कि उन्होंने इस परियोजना में अभी तक कितनी बार जनता के हित में राजनीति से ऊपर उठकर काम किया है तथा कितनी बार वह मुख्यमंत्री और यशोधरा राजे से वह योजना के लिए मिले हैं।