
शिकायत के बाद इस मामले की जांच की गई और जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाली महिला रामसखी जाटव एवं जाति प्रमाण पत्र पर गवाह बने पप्पू पुत्र पन्नू जाटव निवासी गोधारी और रामेश्वर पुत्र रामसिंह रावत निवासी देहरोद के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार आरोपी महिला रामसखी पत्नि सुआलाल जाटव निवासी दरगवां ने दो तीन माह पूर्व नरेंद्र रावत, लखन धाकड़, गोविंद आदिवासी, मंगल सिंह चौहान और भरत सिंह यादव के खिलाफ मारपीट और हरिजन एक्ट का मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के बाद रामसखी ने अपनी जाति का प्रमाण पत्र पुलिस को सौंपा।
आरोपी बने सभी पांचों युवकों ने उक्त जाति प्रमाण पत्र की जांच हेतु एसडीएम श्री पांडे को एक शिकायती आवेदन दिया। जिसकी जांच नायब तहसीलदार द्वारा की गई। जांच में स्पष्ट हुआ कि रामसखी का जाति प्रमाण पत्र उसका जन्म स्थान गुना होने के कारण गुना से बनना था।
पंचायत के सेकेट्री ने भी लिखकर दिया था कि वह गुना जिले की रहने वाली है परंतु आरोपी महिला ने उस दस्तावेज में काट छांटकर अपने आपको तेंदुआ का निवासी बताकर एसडीएम कोलारस से जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया। नायब तहसीलदार ने उक्त मामले में कार्यवाही करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा था जिसके आधार पर पुलिस ने शनिवार को तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
हरिजन एक्ट मेें फरियादी से मांगा जाता है जाति प्रमाण पत्र
टीआई अवनीत शर्मा ने बताया कि हरिजन एक्ट में मामला जब न्यायालय में जाता है तो जाति प्रमाण पत्र चालान पेश करते समय प्रस्तुत करना होता है और यह जाति प्रमाण पत्र फरियादी द्वारा बनवाकर दिया जाता है। इस मामले में फरियादी रामसखी पत्नि सुआलाल जाटव अनुसूचित जाति वर्ग की है।
उसका जाति प्रमाण पत्र भी अनुसूचित जाति वर्ग का बनता, लेकिन उसके जाति प्रमाण पत्र बनाने की पात्रता गुना एसडीएम को है परंतु उसने दस्तावेजों में हेरफेर कर कोलारस एसडीएम से जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया।