
कलेक्टर श्री राठी ने विभागवार समय-सीमा के पत्रों की समीक्षा करते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्रों में भी हितग्राही मूलक योजनाओं एवं विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ पात्र एवं जरूरतमंद हितग्राही को मिले इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर नगरीय निकायों में भी वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाए। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राहत के प्रकरणों को पूरी गंभीरता के साथ लें और ऐसे प्रयास करें कि प्राकृतिक आपदा, सर्पदंश के प्रकरणों में आवश्यक कार्यवाही कर 15 दिवस के अंदर भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अनुभाग के अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के साथ सप्ताह में कम से कम एक दिन संयुक्त रूप से ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर लोगों की समस्याओं को सुने। भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी ग्रामीणों को आयोजन के एक या दो दिन पहले दी जाए। जिससे ग्रामीण अपनी समस्याए लेकर उपस्थित हो सके।
रात्रि कालीन चौपालों के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याओं का करें निराकरण
कलेक्टर श्री राठी ने कहा कि राजस्व अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि कालीन चौपालो के माध्यम से तहसीलदार, अनुविभागीय दण्डाधिकारी आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण के साथ-साथ ग्रामीणों की समस्याओं को सुने और उनके निराकरण की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि वे भी स्वयं रात्रिकालीन चौपालों में उपस्थित होकर लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका निराकरण भी करेंगे। कलेक्टर ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निराकरण की कार्यवाही करें।
अनुकंपा नियुक्ति का कोई भी प्रकरण लंबित न रहे
कलेक्टर श्री राठी ने सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए कि उनके कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति का कोई भी प्रकरण लंबित न रहे, इसकी वे समय-समय पर अपने कार्यालय में समीक्षा करें। उन्होंने शासकीय शाला भवनों के आस-पास अतिक्रमण हटाने की राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर ने भरण-पोषण के प्रकरणों में भी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को भी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।