अब डीपीसी दुबे का जायलो प्रेम चर्चा में

शिवपुरी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दबंग नेता और शिवपुरी के डीपीसी शिरोमणि दुबे अपनी जायलो के प्रेम को लेकर चर्चा में है। शिक्षा विभाग और कलेक्ट्रेट में एक ही चर्चा है कि इस गाडी के हटाने के आदेश के बाद भी डीपीसी दुबे मोह क्यों नहीं त्याग पा रहे हैं। आखिर इस गाड़ी से उन्हे इतना प्रेम क्यों है। 

बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा केन्द्र शिवपुरी के ऑफिस में, आफिस के कार्य के लिए विस्टा और जायलो लगी हुई थी, लेकिन जब शिवपुरी कलेक्टर का प्रभार जिला पंचायत सीओ नेहा मारव्या पर था तब मेडम ने जायलो गाडी के हटाने के आदेश कर दिए थे। मेड़म की नजर में जिला शिक्षा केन्द्र को 2 गाडिय़ा की आवश्यता नही थी और एक ही गाडी से काम चल सकता है इस कारण इस गाडी को हटाने के आदेश कर दिए थे। 

आदेश होने के बाद भी डीपीसी दुबे ने इस गाडी हो नही हटाया। बल्कि इसकी नंबर प्लेट को हटा कर इस पर नियम विरूद्व डीपीसी की प्लेट लगा दी। बताया यह भी जा रहा है कि कागजो में विस्टा गाडी चलती है और सड़क पर जायलो। विस्टा के नाम डीजल और बिल बनता है और डीजल जायलो की टंकी में चला जाता है। 

अपने राम को जानकारी मिली है कि यह गाडी विभाग के एक शिक्षक की पत्नि के नाम पर रजिस्टर्ड है लेकिन असल में यह गाडी डीपीसी साहब की है। जब शिक्षक संघ ने इस गाडी की शिकायत की थी जब डीपीसी शिरोमणि साहब ने इस गाडी को शिक्षक की पत्नि के नाम करा दिया था, लेकिन एक चूक अब भी शेष रह गई है जो प्रमाणित कर देगी कि यह जायलो डीपीसी शिरोमणि दुबे की ही है। अब अपनी प्राइवेट कार को विभाग में अनुबंधित करके पैसा कमाना, यह तो भ्रष्टाचार हुआ ना भाई साहब।