धमाके वाले सेठजी के धमाके से खिसक सकती है कई जमीन करोबारियों की जमीन

ललित मुदगल/शिवपुरी। शिवपुरी में दिवालिया होने या निकालने की परंपरा शहर में पुरानी है, सबसे पहले शहर सन 84 में एक तेल मिल के व्यापारी ने अपना दिवालिया घोषित किया था। लेकिन अब धमाके वाले व्यापारी के शहर से गायब होने की खबर के धमाके के कारण और व्यापारी भी उड सकते है। बताते चलें कि ये धमाके वाले कारोबारी श्रीमंत के कथित सेवादार के भाई भी हैं और श्रीमंत के नाम का इस्तेमाल करके ही बाजार में अंगद की तरह जमे हुए थे। 

जैसा कि बताया जा रहा है कि कोर्ट रोड पर धमाके और किराने के व्यवसाई और श्रीमंत के सेवादार के भाई पर 20 करोड रू का कर्जा है। सेठजी ने जमीनों का कारोबार किया था, पिछले 3 वर्ष पूर्व जब रजिस्ट्रियों पर रोक लगी तो शहर के जमीन व्यवसाय औधे मुंह गिर गया। इसके बाद नोटबंदी ने इस व्यवासाई की कमर तोड दी। पिछले 20 दिनो से उक्त व्यवसाई शहर से फरार है। इनके शहर छोडने के कारण शिवपुरी के ब्याज मार्केट में एक अजीब से बैचेनी दिखने को मिल रही है। अब व्यापारियों को ठोक बजाकर हुंडीया दी जा रही है या यू कह लो हुंडीया दी ही नही जा रही है। 

इस पूरे मामले में यह बात देखने को आ रही है कि कोर्ट रोड वाले सेठजी के 20 करोड रू के दिवालिया होने से इनके देनदार परेशान हो रहे है। इनमें से 10 करोड रू के देनेदार ऐसे है जिनका घर का पैसा था, और 10 करोड के देनदार ऐसे है जिन्होने किसी दूसरे ब्याज मे दलाली खाने के चक्कर मेें अपनी गांरटी पर पैसा सेठजी को किसी ओर से दिलवाया था। बताया जा रहा है कि ऐसे देनेदारो की सांसे अटक रही है क्योंकि सेठजी तो भाग गए अब उनका पैसा कहा से वापस आऐगा। 

धमाके वाले सेठजी के 20 करोड के धमाके के कारण और अन्य जमीन कारोबारियों पर भी सकंट के बादल मंडरा रहे है। बताया जा रहा है कि शहर के अन्य जमीन करोबारियो ने जो बाजार से हुंडी उठा रखी है वे 31 मार्च से पहले चुकानी है। और अब वे इस धमाके के कारण रिन्यू होना मुशिकल दिख रही है। इस कारण अब और कई जमीन करोबारियों के पैर उखड जाए तो कोई बडी बात नही होगी। 

अब जनचर्चा में मुंह जुबानी ऐसे कारोबारी की लिस्ट बनने लगी है जिन पर बाजार का कर्जा है। शहर संभावना जाता रहा है कि यह भी भूमिगत हो सकते है। ऐसे व्यापरियों पर कर्ज वापस करने के लिए अब हुंडिया देने वाले साहूकार दबाब भी बना रहे है।