नकल के गढ़ बैराड़ में फिर नकल माफिया सक्रिय,प्रशासन हो जाता है नतमस्तक

सतेन्द्र उपाध्याय, शिवपुरी। आने वाले मार्च माह में मप्र बोर्ड की दसवीं और बाहरवी की परीक्षाएं होने वाही है। प्रशासन ने प्राईवेट स्कूलो को लिए परिक्षा केन्द्र भी घोषित कर दिए है। आने वाली परीक्षाओ में नकल न हो इसके लिए भी प्रशासन ने कमर कस ली है। लेकिन बैराड़ के दो स्कूलो में होने वाली नकल रोकने के लिए प्रशासन अभी तक कोई तोड़ नही निकाल पाया है। 

जैसा कि विदित है कि बैराड़ कस्बे में संचालित विजयानंद पब्लिक स्कूल और लखेश्वर उच्चर माध्यमिक विद्यालय लगातार प्रशासन की आंखो में धूल झोकते हुए नकल कराते है। इस बार भी इन दोनो को मन चाहे केन्द्र गोवर्धन और भटनावर मिले है। 

जिले के यह दो स्कूल ऐसे है जो बच्चो को पास कराने का ठेका लेते है,इन स्कूलो में शिवपुरी जिले से ज्यादा बच्चो शिवपुरी से बाहर के जिले के होते है। इन स्कूलो के छात्रो से बैठाने की क्षमता से ज्यादा बच्चे इन स्कूलो के पास एडमिशन है। 

नकल के लिए और ठेका सिस्टम से पास कराने के लिए यह दोनो स्कूल पूरे मप्र में कुख्यात है। बताया गया है कि इन दोनो केन्द्रो में इन दोनो स्कूलो के मास्टर प्रत्येक परिक्षा कक्ष में होते है। बोलकर छात्रो को नकल कराई जाती है। इसके लिए हर स्तर पर अधिकारियों को खरीदा जाता है। 

बताया गया है कि लोकल स्तर पर सब सेट कराने के बाद केन्द्रो पर क्षापामार कार्यवाही करने वाली टीमो से निबटने के लिए इनकी टीमे तैयार रहती है। एक टीम की शिवपुरी रेलवे स्टेशन पर खड़ी होती है,दूसरी टीम पोहरी खड़ी  होती है,और तीसरी टीम मरोरा रोड पर चौथी टीम मोहना से बैराड जाने वाली रोड पर और एक टीम की गोपालपुर वाले रास्ते से बैराड जाने वाली रोड पर खड़ी रहती है। 

यह टीम हर नकल रोकने वाले उडनदस्ते पर नजर रखती है,ओर मोबाईल से इन नकल मफियाओ को लोकेशन देते है। कुल मिलाकर प्रशासन कितनी भी मशक्त कर ले परन्तु इन दोनो स्कूलों की नकल को नही रोक सकता है। इस मामले में हमारे राम का यह कहना है कि अभी से इन स्कूलो के केन्द्र पर नकल रोकने के लिए उचित प्रबंधन नही किए गए तो इन नकल माफियाओ के आगे इस बार भी प्रशासन घुटने टेक देगा। 

अगर इस जगह नकल रोकनी है तो अधिकारी पब्लिक ट्रासंपोर्टं का उपयोग करे। क्यो कि नकल रोकने वाले उडन दस्ते भटनावर या गोबर्धन बाद में पहुंचता है इनकी लोकेशन पहले। इनके केन्द्रो को भी इस बार बदला जाए। पोहरी या शिवपुरी इनके केन्द्र बनाए जाए। या कैमरे से इन परीक्षा केन्द्रो की रिकोर्डिंग कराई जाए।