दहेज प्रताडऩा के आरोपी के विरूद्ध लगी पुनरीक्षण याचिका खारिज

शिवपुरी। फरियादी पूजा की शिकायत पर न्यायालय द्वारा आरोपियों पर दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज किया गया था। इसके विरूद्ध आरोपियों ने पुर्नरीक्षण याचिका दायर की थी, लेकिन सत्र न्यायाधीश श्री आरबी कुमार ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा विरचित आरोपों को यथावत रखते हुए पुर्र्नरीक्षण याचिका निरस्त कर दी। इस मामले में पूजा की ओर से वरिष्ठ अभिभाषक श्यामसुन्दर गोयल ने पैरवी की। 

शिवपुरी निवासी पूजा का विवाह गुना निवासी गोपाल कृष्ण अग्रवाल के पुत्र राहुल के साथ संपन्न हुआ था। पूजा का कहना है कि शादी के बाद से ही अग्रवाल परिवार द्वारा उससे दहेज की मांग की जाती थी। जब इन मांगों की पूर्ति करने में वह असफल रहे तो उसे प्रताडि़त करते हुए घर से निकाल दिया गया तथा उस पर झूठे मामले लाद दिए गए।

परन्तु न्यायालय द्वारा उसे भादवि की धारा 307 ए में दोष मुक्त कर दिया गया है। गुना से अपने मायके शिवपुरी आर्ई पूजा ने अपने ससुर गोपाल कृष्ण, ताऊ ससुर नारायण लाल, चाचा ससुर पुरूषोत्तम, जेठ रीतेश और राजेश, सास मनोरमा, पति राहुल और देवर अभिषेक निवासीगण गुना के विरूद्ध शिवपुरी न्यायालय में बाद प्रस्तुत किया जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रविन्द्र शर्मा ने आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 498 ए, 34, 323 के तहत आरोप स्वीकृत कर सुनवाई शुरू कर दी है। 

लेकिन प्रतिवादियों ने प्रथम श्रेणी न्यायालय के इस फैसले के विरूद्ध पुर्नरीक्षण याचिका दायर की। परन्तु सत्र न्यायाधीश श्री आरबी कुमार ने पक्ष विपक्ष की बहस सुनने के बाद अभिलेख उन्मुक्ति से संबंधित तथ्यों से संतुष्ठ न होने पर अधीनस्थ न्यायालय के निर्र्णय को यथावत रखते हुए पुर्नरीक्षण याचिका निरस्त कर दी है।