
प्रभारी मंत्री से जब अस्पताल की दुर्दशा को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि अगर स्पेशलिस्ट नहीं हैं तो भी इलाज तो हो रहा है। ये कोई फेलिअर नहीं हैं। मेरे ग्रह जिले मुरैना सहित प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में तो आईसीयू ही नहीं हैं।
एक माह पहले डॉक्टरों द्वारा वीआरएस का नोटिस देने के बावजूद विभाग ने पहले से कोई इंतजाम नहीं किए। इस पर मंत्री विफर गए उनका कहना था कि यह एक प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, किसी डॉक्टर को जबरदस्ती पकड़कर काम तो करवाया नहीं जा सकता, फिर भी हम नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
जब मंत्री से इस मामले में अब तक डॉक्टरों को नोटिस तक जारी न किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो वह मीडिया पर झल्लाते हुए बोले कि आयुक्त और सचिवालय में आप बैठते हो क्या। प्रक्रिया चल रही है आपको क्या बता दें और मैंने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली है। इलाज तो हो ही रहा है।
जब पूछा गया कि अस्पताल में तो टांके तक स्वीपर लगा रहे हैं क्या यही व्यवस्था है। इस पर मंत्री झल्लाते हुए प्रेसवार्ता छोड़कर यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि आप लोगों को इस तरह के सवाल करना है तो जय राम जी की।