
प्रभारी कलेक्टर द्वारा बुलवाई गई पत्रकार वार्ता में प्रभारी कलेक्टर ने शिवपुरी की मीडिया से कहा कि जनसुनवाई को सार्थक बनाने का प्रयास कर रही है। जिसके चलते उन्हें मीडियाकर्मीयों से जनसुनवाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसीके चलते अब आगे से जो जन सुनवाई होगी उसमें मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। अगर कोई बड़ा मामला होगा तो मीडिया को बुलाकर उस मामले से अवगत करा दिया जाएगा।
इस फरमान को सुनकर मीडियाकर्मी सकते में आ गए और तुरंत प्रेस कॉन्फेंस का बहिष्कार करके चेबंर से बाहर आ गए। मीडियाकर्मियों को बाहर आता देख प्रभारी कलेक्टर भी सकते में आ गई और मीडिया को समझाने का प्रयास किया परंतु मीडिया अपनी जिद पर अडी रही और कहा कि हम कलेक्टर के हिसाब से तो नहीं चलेगें जो मन में आए वह फरमान जारी कर दे।
इस घटना के बाद पत्रकार संगठनों के कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हंगामा किया और कहा कि अगर कल जनसुनवाई में मीडिया को रोका गया तो मीडियाकर्मी उक्त फरमान के खिलाफ सीएम से मिलेगें और कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शन कर आत्महत्या करेंगे।
विदित हो पिछले मंगलबार को कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित जनसुनवाई में जिला पंचायत में पदस्त एक कर्मचारी ने अपने अधिकारीयों पर आरोप लगाया था। जिसपर कार्यवाही न करने पर उस कर्मचारी ने परिवार सहित इच्छा मृत्यू की मांग की थी। जिस पर प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या ने पीडित कर्मचारी पर ही मामला दर्ज करने की टीप पुलिस अधीक्षक को लगा दी थी।
इस मामले को शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसपर प्रभारी कलेक्टर अपना बौखलाकर जनसुनवाई में मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया। हांलाकि बाद में अपने इस हिटलरशाही फरमान को लेकर अपने आप को घिरा देख प्रभारी कलेक्टर बैकफुट पर आई और तत्काल मीडिया को बुलाकर कहा कि यह फरमान नहीं हम सिर्फ जनसुनवाई को सार्थक बनाने के लिए यह नियम बनाना चाह रहे थे। अब ऐसा नहीं होगा और मीडिया इस दौरान कक्ष में आ सकती है और मीडियाकर्मीयों को बैठने के लिए अलग से जगह चिन्हित होगी।