एसपी कुर्रेशी की कप्तानी के कमाल पर सवाल: सजिश या और कुछ...

ललित मुदगल एक्सरे/शिवपुरी। जिले के क्राईमग्राफ को औधे मुह गिराने वाले और मात्र 50 दिनो में गडरिया गैंग पार्ट-2 को खत्म करने वाले शिवपुरी पुलिस कप्तान कुर्रेशी के कमाल पर सवाल खडे किए जा रहे है। यह अपने या विरोधियो की साजिश है या और कुछ............आईए इस पूरे मामले का एक्सरे करते है। 

जैसा कि विदित है कि 30 जनवरी 2016 को भौंती थाना क्षेत्र के करमर्ई के जंगल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 30 हजार रूपए के र्ईनामी डकैैत चंदन गड़रिया की मौत को फर्जी एन्काउन्टर साबित करने के लिए मृतक डकैैत की माँ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। इस मामले में न्यायालय ने पुलिस के उच्च अधिकारियोंं सहित शिवपुरी एसपी व एनकाउटंर करने वाली टीम को नोटिस जारी कर दिए है। 

हालांकि मजिस्ट्रियल जांच में मुठभेड़ को क्लीन चिट प्रदान की गर्ई थी। और शिवपुरी जिला एसपी कुर्रेशी के कार्यकाल में प्रदेश का दूसरे नंबर का जिला घोषित हुआ है जहां सबसे तेज क्राईम ट्रेस किए गए है। 

इस मामले में जानकारी आ रही है कि ऐसा क्यो हुआ है। इस एनकाउंटर को फर्जी क्यो बताया जा रहा है जब मारा गया आदमी एक डकैत हो। क्यो एसपी शिवपुरी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे है। 

इस इस मामले को जनता की अदालत में रखना इस कारण भी चाहते कि सबसे बडा न्यायालय ऊपर वाले का होता है। इस दायर याचिका में चंदन गडरिया की मां ने कहा है कि मेरे लडके चंदन को 29 जनवरी को घर से दो पुलिसकर्मी उठा कर ले गए और 30 जनवरी को पुलिस ने मार कर मुठभेड बता दी। 

पाठको को हम यह याद दिला दे कि चंदन गडरिया, डकैत चंदन गडरिया बनने से पूर्व डकैत रामबाबू गडरिया को रसद पहुचाने का कार्य करता था और वह एक बलात्कार के मामले में फरारी था। और 2 हजार का ईनामी भी था। 

डकैत चंदन गडरिया ने 10 दिसंबर को कोलारस थाना क्षेत्र से एक रेवाडी का अपहरण किया था। उसको पकडने के जिले की एडी टीम सहित पुलिस की कई टीमे जंगल मे उतर गई थी और ईनामी डकैत घर पर बैठा था यह कैसे हो सकता है।

एक समान्य से अपराध करने वाले को अगर पुलिस खोज रही हो और उसका लगातार मीडिया कवरेज चल रहा हो वह अपने घर तो छोडो शहर ही नही प्रदेश से भाग जाऐगा परंतु उसकी मां के अनुसार वह घर पर बैठा था और उसे मात्र 2 पुलिसकर्मी उठा ले गए यह पच नही रहा है।  

कहां जाता है कि लोहे को लोहा काटता है ठीक उसी तरह इस याचिका को कोर्ट तक पहुचाने का काम भी कुछ पुलिस के टीआई स्तर के अधिकारियों ने ही किया है,जो कप्तान की कार्यशैली से दुखी थे। बताया जा रहा है कि इस घटनाक्रम में भाजपा नेताओ की वह लॉबी काम रही थी जिनके कभी काम नही हुए जो वह चाहते थे। 

शिकायतो के स्तर से एसपी शिवपुरी का ट्रांसर्फर नही सका। और लगातार एसपी कुर्रेशी के जनसंपर्को की सफलता और क्राईम को कम करने के आकडों ने एसपी कुर्रेशी का रिर्पोट कार्ड प्रदेश स्तर पर प्रदेश के सीएम की बैठक में  दिख रहा था। शायद इस कारण ही विरोधियो ने यह गेम प्लान किया हो..।