
उक्त आशय के निर्देश आज कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने जिला पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक में अधिकारियों को दिए। टूरिस्ट विलेज में आयोजित बैठक में आज अपर कलेक्टर नीतू माथुर, एसडीएम शिवपुरी रूपेश उपाध्याय, तहसीलदार नवनीत शर्मा सहित नगर पालिका, नेशनल पार्क, फोरेस्ट एवं अन्य विभागीय अधिकारी तथा होटल, रेस्टोरेन्ट, लॉज आदि के संचालक मौजूद थे।
कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि शिवपुरी को पर्यटक हव बनाया जाकर जिले में स्थित पर्यटन स्थलों को शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं से जोडक़र सुन्दर, स्वच्छ और आकर्षक बनाया जाएगा एवं पर्यटक स्थलों तक जाने वाले रास्तो का भी जीर्णोद्वार किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर का वैज्ञानिक प्लान तैयार करें और आगामी बैठक में उसे रखा जाए।
साथ ही पर्यटकों के जानकारो, एमपीआरटीसी, पीडब्ल्यूडी आदि विभागीय अधिकारियों को भी उस बैठक में आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटको को आकर्षित करने के उद्देश्य से रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड और अधिक आवागमन वाले सार्वजनिक स्थल पर शहर के पर्यटन स्थल के चित्र के साथ एक बोर्ड लगाया जाए। जिससे पर्यटक इन स्थलों तक पहुंचकर इनका आनंद लें।
उन्होंने संबंधित अधिकारियो को निर्देश दिए कि शहर की समस्त पर्यटक स्थलों की एक फिल्म का भी निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर के ऐसे बेरोजगार युवक-युवतियां जो गाइड बनने के इच्छुक है, इनका चयन कर उन्हें गाइड की ट्रेनिंग दी जाए। जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा प्लान बनाया जाए जिसमे शहर के होटल, लॉज, रेस्टोरेंट, ऑटो रिक्शा, टैक्सी व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों आदि को भी शामिल किया जाए।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने नरवर में स्थित किले के इतिहास बारे में जानकारी ली और उन्होंने किले को पर्यटको के लिए आकर्षण का केन्द्र बनाने के उद्देश्य से कार्य योजना बनाने क निर्देश दिए। इस दौरान पूर्व में लिए गए निर्णयों पर भी चर्चा की गई और उन्हें योजना समिति की बैठक में रखने के निर्देश दिए।
बैठक में जिले में पर्यटन के विस्तार हेतु होटल एवं ट्रेवल एजेन्सी की भूमिका एवं त्योहार के सीजन में विशेष पैकेज घोषित करने के संबंध, पर्यटन केन्द्रो पर सुविधाए बढ़ाने, राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र से वीकेण्ड में निकलने वाले पर्यटको को शिवपुरी लाने, नए वर्ष का पर्यटन कलेण्डर प्रकाशित कराने, एग्रो टूरिज्म (हातौद, पिपरसमा), ट्रायबल टूरिज्म (सुरवाया गढ़ी, बूढी बढ़ौद, वढ़ौद, बांसखेड़ी) की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।