शहर की सडके दलदल में तब्दील: पैदल निकलना भी मुश्किल

शिवपुरी। शहर को सीवर प्रोजेक्ट का आर्शीवाद के रूप में मिला था लेकिन यह आर्शीवाद शहर के लिए अभिश्राप बन गया। शहर में सीवर प्रोजेक्ट के लिए खोदी गई सडको के कारण नागरिको का इन सडको पर निकलना मुश्किल हो रहा था। अब मानसून आने पर यहा स्थिती कोढ में खाज जैसी हो गई है। इस समय शहर की सडक़े दलदल जैसी हो गई है। 

बीते रोज शहर के मु य मार्ग राजेश्वरी रोड से मंत्री यशोधरा राजे का काफिला गुजर रहा था। तभी मंत्री महोदय ने इस रोड की हालत देखी तो अधिकारयिों की फटकार लगाई और इस रोड को ठीक कराने के आदेश दिए। जिससे तुंरत रोड का काम प्रारंभ हो गया। पंरतु आधे शहर की रोडो पर तो वाहन तो क्या पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। 

आईये जाने शहर की स्थिति
शहर के मध्य स्थिति माधव चौक से दो बत्ती चौराहे होकर छत्री जाने बाला रास्ता पिछले 7 माह से बंद है। घूम फिर कर लोग आ तो रहें है। परंतु आगे की रोड पर खुदाई के कारण पूरा रास्ता कीचड़ से भरा पडा है।

दूसरी और शहर के फतेहपुर रोड से झांसी तिराहा तक पूरा रोड खुदा पइ़ा है। इस रोड़ पर बाहन से तो छोडों आदमी पैदल निकलना भी दूभर समझता। इस रोड पर कीचड़ से ही किचड है। इस रोड़ पर रह रहे दिलीप जैन और राजीव अवस्थी ने बताया की हम इस समस्या से एक साल से लड़ रहे है पर रोड़ बनने का नाम ही नही ले रही। 

यही हाल शहर के वीआईपी रोड़ सक्रिट हाउस की है। यह रोड़ का टेडर 5 माह पहले हुआ और आज तक ठेकेदार आधा रोड़ भी पूरा नही कर पाया। 27 प्रतिशत विलो में काम लेकर फसे ठेकेदार ने काम तो कर दिया परंतु विलो रेट में काम होने से यह रोड़ भ्रष्टाचार की भेट चड गया। यह रोड़ पूरी होने से पहले ही रोड उखड गया है।

कुल मिलाकर प्रशासन ने मानसून आने से पूर्व इन सडको को अपने हाल पर छोड  दिया। सीवर के लिए खोदे गए गढडो शहर की कई रोडो पर अभी भी खुले पडे है। बारिश होने पर यह गढडे दिखते नही है। कभी इन गढडो में कोई भी शहर का नागरिक गिर सकता है इससे पूर्व भी इन सीवर के गढडो में गिरने से दो नागरिको की मौत हो चुकी है। 
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