
कृष्णपुरम कॉलोनी में जमा होने वाला बारिश का पानी महल के पिछले हिस्से में बने छोटे नाले के जरिए बाहर जाता था। यह नाला महल कॉलोनी तक निकलता था। करीब 25 पहले तक यह नाला अस्तित्व में थाए लेकिन अभी ये गायब है। गुरुवार को एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने नगरपालिका अफसरों से कहा है कि इस नाले को खोजा जाए।
बताया जा रहा है कि इस नाले के स्थान पर अब कुछ दुकानें, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू की कोठी, अजय बिंदल का शोरूम और कोठी, हरी वल्लभ बंसल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढा, सोहन मल सांखला, डा.मोघे की कोठी हैं। आरोप है कि छोटे नाले को पाट कर उस पर बाउंड्रीवाल बना दी गई। एसडीएम का कहना है कि यदि नक्शा में कोठी में नाले की पुष्टि होती है तो उसे अतिक्रमण मानकर हटाया जाएगा।
इनका कहना है
शहर में जितने भी तालाब थे वे जब ओवर फ्लो होते थे तो पानी की निकासी के लिए सिंधिया स्टेट के समये बने इन नालों के जरिए ही पानी शहर से बाहर स्थित जाधव सागर में जाता था।
प्रेमनारायण नागर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
हमने अपनी आंखों से देखा है महल कॉलोनी का नाला
आज से 25 साल पहले तक एक छोटा नाला था। जिससे पानी बाहर निकलता था। हर तरफ खेत ही खेत थे। धीरे.धीरे नाले ने अस्तित्व खो दिया और उन पर बड़ी इमारतें खड़ी हो गईं। धीरे-धीरे नाला कब खत्म हो गया पता ही नहीं चला। प्रशासन ने भी ध्यान नहीं दिया।
चंद्रपाल सिंह यादव, निवासी महल कॉलोनी