अपनो से बिछड़े को मिलाने मुंबई और बंगाल जाऐगी चाइल्ड़ लाईन की टीम

शिवपुरी। जिला मुख्यालय पर स्थित बालगृह में रहने वाले ऐसे बच्चे जो अपने परिजनों से किसी कारण से बिछड गए थे उन्हें मिलाने के लिए इसी महीने चाइल्ड लाइन की टीम बंगाल और मुंबई जाएगी। यह निर्णय बुधवार को बाल संरक्षण को लेकर आयोजित की गई त्रैमासिक बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्ष न्यायाधीश और किशोर न्याय बोर्ड की मुख्य मजिस्ट्रेट श्रीमति चैनवति ताराम ने की। 

इस बैठक में किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य सरला वर्मा, रंजीत गुप्ता, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जिनेंद्र जैन, उमा मिश्रा, विनय राहुरीकर, बाल संरक्षण अधिकारी सहित बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

बाल संरक्षण को लेकर हर तीन महीने में यह बैठक होती है। इस बैठक में सामने आया था कि ग्वालियर से पिछले दिनों कुछ बच्चों को शिवपुरी के बालगृह में ट्रांसफर किया गया था। इनमें से चार ऐसे बच्चे हैं जिनकी काउंसिलिंग के दौरान इनके परिजनों का पता चला। 

इनमें दो बच्चे तो बंगाल और मु बई के हैं। अब इन बच्चों को पूरी जांच पड़ताल के बाद इनके परिजनों को सौंपा जाएगा। इसके लिए चाइल्ड लाइन की टीम मु बई और बंगाल जाएगी। किशोर न्याय बोर्ड की मु य मजिस्ट्रेट श्रीमति चैनवति ताराम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह काम शीघ्र किया जाए। 

इस बैठक में शिवपुरी में आश्रय गृह केंद्र शीघ्र खोलने का मसला जेजेबी सदस्य रंजीत गुप्ता ने उठाया जिसमें बाल संरक्षण अधिकारी ओपीे पांडे ने वरिष्ठ अफसरों को इस बारे में पत्र लिखने की बात कही जिससे यह केंद्र शुरू हो सके। 

जिला अस्पताल में बिना मेडिकल बोर्ड के कुछ बच्चों की उम्र का निर्धारण केवल एक्सरे के आधार पर एक डॉक्टर द्वारा किए जाने पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने इस पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि इस बारे में वरिष्ठ अफसरों को पत्र लिखा गया है कि इस प्रावृत्ति पर रोक लगे और मेडिकल बोर्ड द्वारा ही प्रमाण पत्र जारी किया जाए। 

गौरतलब है कि अभी हाल ही में कुछ विवाह स मेलनों में ऐसे सर्टिफिकेट कुछ जोड़ों पर देखे गए थे। बालश्रम उन्नमूलन के लिए प्रभावी उपाय पर जोर देने की बात सदस्यों ने कही। इस दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों की एक बैठक बुलाने पर भी सहमति बनी जिससे बाल संरक्षण को लेकर जो उपाय किए जाने हैं वह शीघ्र हो सकें।