राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी। हालांकि शिवपुरी कलेक्टर राजीव दुबे को यह समझाने की जरूरत नहीं कि वह अपने पदीय दायित्व का किस प्रकार से कार्य करेंगें, लेकिन हालात ही ऐसे बने है कि शिवपुरी समाचार डॉट कॉम बेबपोर्टल समाचार पत्र के माध्यम से हम उन्हें उनके दायित्व का बोध करना पड रहा है।
वह भी इसलिए क्योंकि आज जब पालक संघ के बैनर तले अभिभावक कलेक्टर से मिलकर स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें चलन में लाने का आग्रह किया था तब कलेक्टर ने पालक संघ को हिदायत दे दी कि वह चाहे तो अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों की जगह सरकारी स्कूलो में पढाए।
कलेक्टर शिवपुरी के तरह कहने से अभिभावक मायूस होकर कलेक्टर चैंबर से लौट गए और कलेक्टर के इस बयान से प्राईवेट स्कूलो संचालको को बल मिल गया।
इस मामले में हमारा कहना है कि कलेक्टर साहब को इस तरह से अभिभावको से नही कहना चाहिए था। कलेक्टर साहब कैसे ऐसी सलाह दे सकते है। एक कलेक्टर का काम सलाह देना नही बल्कि शासन और कोर्ट के आदेशो को पालन करना है। अब राम ही जाने शिवपुरी कलेक्टर ने ऐसी सलाह अभिवाभको को क्यो दी। इस मामले में जब हाईकोर्ट ने नवंबर 2015 में आदेश दिए है कि सभी सीबीएसई पाठयक्रम के स्कूल एनसीईआरटी की ही पुस्तके अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेंगें।
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