राजमाता कहतीं थीं पढ़ाई में ध्यान लगाओ...शादी करना है: यशोधरा

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इंदौर। प्रदेश की खेलमंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के अनुसार बचपन में उन्हें परिवार में खेलों में आगे बढ़ने के बजाए पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा जाता था। मगर वे खुश है कि वर्तमान दौर के अभिभावक अपने बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

अपने तेजतर्रार स्वभाव के लिए पहचानी जाने वाली यशोधरा राजे को राष्ट्रीय बिलियर्ड्स और स्नूकर चैंपियनशिप के दौरान युवाओं का खेल देखकर अपना बचपन याद आ गया और उन्होंने खुलकर दिल की बातें मंच से कहीं। कहने लगीं जब मैं छोटी थी तो घुड़सवारी करती थी। मेरी मां (राजमाता विजयाराजे सिंधिया) को डर लगता था कि कहीं चोट न लग जाएं। वे भी अक्सर वही कहती थीं जो आम परिवारों में बच्चों से कहा जाता है कि पढ़ाई में ध्यान लगाओ...शादी करना है, कहीं चोट लग गई तो क्या होगा। मगर मुझे खुशी है कि अब अभिभावक अपने बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। मेरे पास बहुत से माता-पिता आते हैं और कहते हैं कि हमारे बच्चों को फलां खेल अकादमी में प्रवेश दिलाना है। यह देखकर मुझे खुशी होती है।

पुरस्कार वितरित करते हुए भी उन्होंने बच्चों के साथ उनके माता-पिता को मंच पर बुलाकर सम्मान दिया। जब बात बचपन की निकली तो बताने लगीं कि मैं अच्छी घुड़सवारी करती थी। बचपन से ही हम सभी भाई-बहन क्यू स्पोर्ट्स (स्नूकर और बिलियर्ड्स) भी खेला करते थे। हमारे घर में कई टेबलें थीं। मैं अपनी बहन वसुंधरा के साथ खेलती थी। बचपन में जब कद कम था तो विशेष सोफे पर चढ़कर खेलते थे। आम लोगों क्यू स्पोर्ट्स को विशेष वर्ग का खेल समझते हैं और मैं यह धारणा तोड़ना चाहती थीं। इसी कारण खेल मंत्री बनने के बाद मैंने सरकारी स्कूलों में इस खेल की व्यवस्था की।
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