किसी अधिकारी के बेटे का अपहरण कर 1 करोड की फिरौती की फिराक में भी थी दस्यू सुंदरी

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शिवपुरी। गड़रिया गैंग पार्ट-2 की लीडर 2 शिवपुरी की दस्यू सूंदरी चंदा गड़रिया पूर्व सासंद फूलन-देवी की तरह नाम कमाना चाहती थी। बताया  जा रहा है कि डकैत चंदा गड़रिया किसी अधिकारी के बेटे का अपहरण कर 1 करोड की फिरौती वसूलने के फिराक में थी लेकिन चंदा के इस सपने पर पानी फेर दिया शिवुपरी के एसपी मों.युसूफ कुर्रेर्शी ने.............

डकैत चंदन गड़गिरया को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया तो वहीं अब इस गिरोह की मुखिया बनी 10 हजार की ईनामी डकैत चंदा गड़रिया और सदस्य 10 का ईनामी भोजा गड़रिया को जिंदा पकड़ लिया गया। पुलिस को मिली इस सफलता से अंचल को डकैतों की गतिविधियों से मुक्ति मिली है। बताना होगा कि इससे पूर्व 29 जनवरी को पुलिस ने आमने-सामने की मुठभेड़ में 30 हजार के ईनामी डकैत चंदन गड़रिया को मार गिराया था। 

बंदूक लोड करते धरी चंदा गड़रिया
पुलिस अधीक्षक मो.युसूफ कुर्रेशी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जरिए मुखबिर की सूचना पर हमने कार्यवाही को अंजाम दिया। जिसमें पुलिस को सूचना मिली थी कि सलैया के जंगल में डकैत चंदा व उसके गिरोह के होने की सूचना है जिस पर एडी प्रभारी बृजमोहन रावत, उनि रविन्द्र सिकरवार एवं थाना प्रभारी अमोल देवेन्द्र सिंह कुशवाह के नेतृत्व में टीम गठित कर इस गिरोह को पकडऩे के लिए निर्देश दिए गए।

 जिस पर इस टीम ने डकैत चंदा गड़रिया को नाईटविजन व सर्च लाईट के दौरान बंदूक लोड करते हुए पकड़ा जबकि चंदा का साथी भोजा गड़रिया भाग खड़ा हुआ, जिस पर अन्य थानों को सूचित किया गया और तुरंत घेराबंदी कर डकैत भोजा गड़रिया को भी पकड़ लिया गया। इन दोनों डकैतों से पुलिस ने 315 बोर की हॉकी बट बंदूक, 09 जिंदा राउण्ड के अलावा दैनिक उपयोग के सामान से भरा बैग बरामद किया। 

फूलनदेवी की राह पर चली थी चंदा
पुलिस के अनुसार डकैत चंदा गड़रिया फूलनदेवी से ओतप्रोत थी। चंदा की मंशा थी कि वह डकैती गतिविधियों कर अपना नाम ऊंचा करें और फिर फूलनदेवी जैसी डकैत की तरह हैसियत हासिल कर सांसद का चुनाव लडऩे का सपना संजोए बैठी थी। इतना सब होता कि उससे पूर्व ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 

बड़ी डकैती डालने की थी योजना
एसपी के अनुसार इस गिरोह की नजरें अब बड़ी डकैती डालने पर थी। एसपी ने नामों का खुलासा ना करते हुए कहा कि पूछताछ के दौरान चंदा व भोजा गड़गिरया ने बताया कि वह यदि मुठभेड़ में कु यात डकैत सरगना चंदन गड़रिया ढेर नहीं हुआ होता या उक्त दोनों डकैत नहीं पकड़े जाते तो यह गिरोह मड़ीखेड़ा डैम से बड़े इंजीनियर व अन्य मैदानी अधिकारियों के बच्चों का अपहरण् कर करोड़ों की फिरौती वसूल कर रामबाबू-दयाराम गड़रिया गिरोह गैंग से भी अधिक खतरनाक बनने की चाहत थी। पुलिस ने इस डकैत को आगे बढऩे से रोका और समय रहते कई डकैतों को मार गिराया तो शेष बचे डकैतों को जिंदा पकडऩे में सफलता हासिल की है। 
इस टीम की रही महती भूमिका
डकैत गिरोह को मार गिराने व जिंदा पकडऩे में पुलिस अधीक्षक मो.युसूफ कुर्रेशी के मार्गदर्शन में एडी टीम प्रभारी बृजमोहन रावत, उनि रविन्द्र सिंह सिकरवार, था.प्र.अमोला देवेन्द्र सिंह कुशवाह, सउनि प्रवीण त्रिवेदी, महिला सउनि जहरूनिशां, प्रआर देवेन्द्र सिंह, उस्मान खां, आर.ऊदल सिंह गुर्जर, प्रवीण सेंथिया, चन्द्रीान सिंह, विकास चौहान, रविन्द्र बुन्देला, बृजेश दांगी, मृत्युंजय,बलवंत पाल के अलावा कोलारस टीआई अवनीश शर्मा आदि की महती भूमिका रही। 

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