शिरोमणि दुबे: चारों खाने चित, हाईकोर्ट से बैरंग वापस

शिवपुरी। निलबंन को अपनी शाख बना चुके डीपीसी शिरोमणि दुबे आज चौथे खाने में भी चित हो गये। संघ के कथित प्रचारक श्री दुबे ने अपनी ही सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। अब उनके और डीडी आॅफिस ग्वालियर के बीच कुछ शेष नहीं रह गया है। इंतजार है तो एक कलेक्टर के निर्देश का।

जैसा कि विदित है कि मकरारा के एक इस स्कूल के लोकार्पण समारोह में तैंदुआ छात्रावास की छात्राओं को मंत्री जी के स्वागत के लिए खड़ा कर दिया गया था। इस दौरान भूख प्यास से व्याकुल एक छात्रा बेहोश हो गई और शिक्षा मंत्री ने डीईओ, डीपीसी सहित छात्रावास अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया था।

राज्य शासन ने ग्वालियर के उपसंचालक के रूप में पदस्थ दीपक पाण्डेय को तत्काल डीईओ और डीपीसी का चार्ज लेने के आदेश दिए। डीईओ गिल ने तत्काल दीपक पाण्डेय को चार्ज दिया लेकिन डीपीसी शिरोमणि दुबे ने सरकार के आदेश को विसंगति पूर्वक बताते हुए ग्वालियर से चार्ज लेने आए दीपक पाण्डेय को चार्ज तो दूर की बात ऑफिस में घुसने ही नही दिया। 

उन्होने प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री पर संघ का प्रेशर दिया और इस आदेश को बदलने के लिए दबाब भी डलवाया पर उनकी यहां दाल नही गली तो हाईकोर्ट का सहारा लिया। कल डीईओ परमजीत सिहं गिल को अपने निलबंन के खिलाफ सरकार के आदेश के खिलाफ स्टे मिल गया था और उन्होने पुन: डीईओ का जार्च भी संभाल लिया। 

डीपीसी शिरोमणि दुबे और उनके समर्थक भी फूले नही समा रहे थे कि इस आदेश के खिलाफ डीईओ को स्टे मिल गया तो डीपीसी को भी मिल जायेगा लेकिन आज डीपीसी शिरोमणि दुबे को सरकार के इस आदेश के खिलाफ स्टे नही मिला। अपने निलबंन के बाद सुबह से शाम तक अपनी कुर्सी की चौकीदारी कर रहे शिरोमणि दुबे अब शिवपुरी डीपीसी की कुर्सी का त्याग करना पडेगा।