वृद्धा की मौत के बाद उसकी 60 वीघा जमीन सरकारी घोषित

शिवपुरी। तहसील शिवपुरी के अंतर्गत आने वाले ग्राम हरनगर मे रहने वाली एक वृद्वा की मौत के बाद उसकी 60 बीघा जमीन को हथियाने के लिए उसके कई वारिस खडे हो गए। इसके बाद जांच उपरांत एसडीएम ने उसकी सरकारी भूमि को सरकारी घोषित कर समाज को एक संदेश दे दिया है। 

इतना ही नही दो लोगो ने वसीयतनामा भी तैयार करवा लिया। वृद्वा के इकलौते बेटे की मौत के बाद उसकी पत्नी ने दूसरी शादी कर ली लेकिन जमीन के लिए उसने भी दावा कर दिया। 

जब यह पेचीदा मामला एसडीएम शिवपुरी नीतू माथूर के पास आया तो उन्होने इस गाव में जांच करवाई जहां वृद्वा निवास करती थी। जांच में पता चला कि वृद्वा के अंतिम समय में इन दावेदारो मे से किसी ने भी सेवा नही की। इसके बाद एसडीएम ने 60 वीघा जमीन सरकारी घोषित कर दी। 

जानकारी के अनुसार ग्राम हरनगर में रहने वाली कुअरदे पत्नी गोकलिया आदिवासी के नाम से 11.49 हैक्येटर भूमि गांव में थी। कुअरदे के पति की मृत्यु  भी हो चुकी थी उसके बाद उसके इकलौदे बेटे जगराम की मौत भी हो गई। बेटे की मौत के बाद जगराम की पत्नी मुन्नीबाई ने दूसरी शादी ग्राम बिची में भरोसी आदिवासी से शादी कर ली थी। 

इस प्रकार इस 60 बीघा जमीन की मालिक केवल कुअरदे बाई ही बची। इसी बीच कुअरदे बाई की मौत भी बीत 4 मई 2013 को हो गई। उसकी मौत के बाद इस जमीन को लेकर दावेदार पैदा हो गए । और दो दावेदार तो वसीयनतनामा भी लेकर इस जमीन पर मालिकाना हक जमाने लगे। 

बताया गया है कि इस आदिवासी महिला की मौत के बाद उसका देवर बालकिशन भतीजा कमरलाल और बहू मुन्नीबाई ने अपना हक जमाते हुए अपना दावा पेश किया था। 

लेकिन एसडीएम नीतू माथूर ने जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया और जांच में पाया कि वृद्वा के अंतिम समय किसी ने भी उसकी देखभाल और सेवा नही की जिसकी उसे आवश्यकता थी। इस कारण इन दावो को खारिच करते हुए यह 60 बीघा जमीन को शासकीय घोषित कर दिया।