आयतित किए जाऐंगें विषय विशेषज्ञ शिक्षक: जहां परिणाम रहा 30 प्रतिशत

शिवपुरी। जिले के शिक्षा विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले के 83 हाईस्कूलों में से 11 हाईस्कूलों का शिक्षा सत्र 2014-15 का परीक्षा परिणाम 30 फीसदी से कम रहा इन स्कूलों में से अधिकांश नए हाईस्कूल हैं खराब परीक्षा परिणाम से विभाग के अधिकारी खफा हैं।

किसी भी तरह इस साल इन स्कूलों के परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए जुट गए है। और इसके लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षको को आयतित करने का फैसला लिया है।

संभागीय संयुक्त संचालक शुतांशु शुक्ला सहित जिला शिक्षा अधिकारी पीएस गिल की निगरानी में इन स्कूलों में रिजल्ट सुधारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं इन अधिकारियों द्वारा यहां लगातार अकादमिक निरीक्षण किए जा रहे हैं जिन हाईस्कूलों में विज्ञानए गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों के विशेषज्ञ नही हैंए वहां नजदीक के स्कूलों से विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी इन स्कूलों में क्लास लेने के लिए लगाई गई हैं।

रिजल्ट सुधारने के लिए विभाग ने इन 11 स्कूलों में से तीन स्कूल ऐसे चिन्हित किए हैं, जहां विषय विशेषज्ञ शिक्षक पदस्थ नहीं हैं और न ही इन विषयों के अतिथि शिक्षक मिले हैं यहां सोमवार व गुरुवार को नजदीक के हाईस्कूल से शिक्षक इन विषयों को पढाने आएंग।

इसमें हाईस्कूल ऐजवारा में गणित विषय के लिए बिजरौनी से अनूप मिश्रा, अंग्रेजी के लिए खतौरा से चंपालाल कुशवाह, हाईस्कूल दीवान की बामौर में अंग्रेजी के लिए खरैह से मोहन शुक्ला, गणित के लिए अ हारा से मानसिंह कुशवाहा, जबकि हाईस्कूल पहाडाकला खनियांधाना में अंग्रेजी के लिए मुकेश शर्मा मायापुर व गणित के लिए बूधौन राजापुर से कक्षाएं लेगें।

जिले के 83 हाईस्कूल व 58 हायर सेकण्डरी स्कूलों में परीक्षा परिणाम सुधार के लिए विशेष रेमेडियल कक्षाएं भी शुरू कर दी गई हैं, जिसमें लक्ष्य दिया गया है कि बच्चों की ग्रेड में सुधार हो इन कक्षाओं का संचालन स्कूल समय के अलावा किया जाएगा यदि इन कक्षाओं के लिए कोई अतिथि शिक्षक रखना पड़े तो उसके लिए भी विभाग ने 3 हजार रुपए प्रति स्कूल की राशि उपलब्ध करा दी है।

जले के जिन 11 हाईस्कूलों में इस साल परीक्षा परिणाम 30 फ ीसदी से कम रहा था, उनमें पोहरी के छर्च, वीलबरा माता, दुल्हारा हाईस्कूल शामिल हैं जबकि शिवपुरी का हाईस्कूल सतनवाड़ा, कोलारस का राजगढ, करैरा का अमोलपठा, बदरवास के दीवान की बामौर, सुनाज, ऐजवारा, कुटवारा व खनियांधाना का पहाडाकलां शामिल है।

गणित, अंग्रेजी में सबसे ज्यादा फेल
परीक्षा परिणामों पर गौर करें तो अधिकांश बच्चे गणित व अंग्रेजी विषय में अनुत्तीर्ण हुए हैं इन विषयों में अनुत्तीर्ण होने वाले बच्चों का प्रतिशत 70 है इसके अलावा विज्ञान में भी बड़ी सं या में बच्चे असफल हुए हैं इसके पीछे बडा कारण इन विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी का होना है।