अपर ककेटो डेम: टापू बना बूडदा गांव, तीन ओर से भर गया पानी

शिवपुरी। शिवपुरी- श्योपुर जिले की सीमा पर बसे गांव बूडदा के ग्रामीण अपर ककेटो डैम सर्वे की खामियों का खामियाजा भुगत रहे हैं।

डैम का सर्वे कार्य सही से नहीं होने से गांव में तीन तरफ से पानी भर गया है, जिससे गांव वालों के खेतए खलिहान पानी में डूब गए हैं और घरों तक पानी आ जाने से गांव में टापू जैसे हालात बन गए हैं।

समस्या समाधान को लेकर ग्रामवासियों द्वारा श्योपुर कलेक्टर तथा शिवपुरी अपर कलेक्टर को दिए गए शिकायती आवेदन पर बीते रोज शिवपुरी -श्योपुर के अधिकारियों की जांच टीम द्वारा डूब क्षेत्र का मौका मुआयना किया गया।

जांच टीम के सदस्यों ने डूब क्षेत्र का पुनरू सर्वे कराए जाने की बात स्वीकार की है।

गौरतलब है कि ककेटो डैम का पानी तीन तरफ से बूड़दा गांव तक आ जाने की समस्या से पीडि़त ग्रामवासियों ने डेम के डूब क्षेत्र का पुनरू सर्वे कराए जाने की शिकायत गांव वालों द्वारा कलेक्टर श्योपुर तथा शिवपुरी से अपर कलेक्टर से की थी।

जिस पर पोहरी एसडीएम जेएस बघेल, सिंचाई विभाग एसडीओ श्योपुर बीएस चौहान, तहसीलदार नीरज शर्मा एवं जल संसाधन विभाग के उपयंत्रियों द्वारा डेम के डूब क्षेत्र का मौका मुआयना किया गया।

जांच अधिकारियों ने गांव वालों को बुलाकर गांव में तीन तरफ से पानी भरने के कारण हो रहे नुकसान एवं परेशानी की भी जानकारी ली।

मौके पर पहुंची जांच टीम के सदस्यों को ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में हुए ककेटो डैम के डूब क्षेत्र का सर्वे ठीक ढंग से न होने का खामियाजा ग्रामवासी भुगत रहे हैं। वर्तमान में डैम एफ  आर एल 21 मीटर नीचे है, इसके बावजूद भी कई सर्वे नंबरों में डूब क्षेत्र का पानी बना हुआ है।

डेम में पर्याप्त पानी आने पर ग्राम बूडदा के कई सर्वे नंबर ऐसे हैं जिनके डूब क्षेत्र में आने की पूरी संभावना है, बावजूद इसके शासन द्वारा उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाकर गांव से दो किमी
दूर बसाए गए नए गांव में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान सर्वे के मुताबिक गांव तीन तरफ से डूब में है। डैम भराव तक पूरा भरा जाने के बाद संपूर्ण ग्राम डूब में आ सकता है।

जांच टीम द्वारा मौके पर सर्वे क्रं. 339 के निरीक्षण में पाया कि सर्वे क्रं. 339 का रकबा 0.53 हेक्टेयर है, जबकि मुआवजा केवल 0.21 हेक्टेयर का दिया गया है।

जांच टीम को निरीक्षण में सर्वें नं.339 पूरी तरह से डूब में पाया गया। जिससे लगता है कि इससे पूर्व हुए सर्वे में लापरवाही हुई है। उन्होंने डैम के डूब क्षेत्र का पुन: सर्वे कराए जाने की मांग की है।