शिवपुरी। पिछले दिनो में आदिवासी बस्ती महल सराय में चार बच्चों की मौत के मामले में सीएमएचओ डॉ.भदकाारिया ने माना कि स्वास्थ्य विभाग के अमले की लापरवाही के कारण यह मौते हुई है। बताया गया है कि मृत बच्चों को न तो टीके का बूस्टर सहायक,डोज दिया गया था और न ही निमोनिया की दवा मिल सकीं। इसलिए उनकी मौत हो गई।
गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉण् सुरेश भदकारिया के नेतृत्व में बस्ती में पहुंची मेडिकल टीम ने 48 बच्चों का ट्रीटमेंट किया। इनमें से दो को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
गौरतलब है कि रक्षाबंधन से अब तक महल सराय में चार बच्चों की बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। गुरुवार को महल सराय पहुंचे सीएमएचओ डॉ. भदकारिया ने मौतों की पुष्टि की है। उनके साथ भोपाल से आए टीकाकरण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संतोष शुक्ला भी थे।
सीएमएचओ ने बताया कि एक बच्चे की मौत मीजल्स, दो की निमोनिया व एक अन्य की बुखार के बाद हुए संक्रमण से होना पाया गया है। जांच में यह भी पता लगा है कि इनमें से किसी भी बच्चे को 16 से 24 माह की अवधि में दिया जाने वाला टीके का सहायक डोज नहीं दिया गया। इसलिए बच्चों को मीजल्स एवं संक्रमण ने घेर लिया।
यह भी सामने आया है कि महल सराय में बीमार बच्चों की देखरेख के लिए कोई नहीं पहुंचा और न ही उन्हें निमोनिया की दवाएं दी गईं। इसलिए उनकी मौत हो गई।
लापरवाही की हद भी यह भी रही कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा एएनएम ने भी बस्ती का जायजा नहीं लिया। न किसी मैदानी कर्मचारी ने सिविल सर्जन और सीएमएचओ को बीमारी फैलने की सूचना दी।
चार बच्चों की मौत के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य महकमे ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निसार अहमद के नेतृत्व में डॉक्टर्स की टीम महल सराय में भेजी है। टीम अगले सात दिन तक बस्ती में शिविर लगाकर बच्चों का चेकअप करेगी और दवाएं देंगी। गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
महल सराय में बच्चों को बुखार, खुजली, मीजल्स, निमोनिया से लेकर डायरिया तक सभी प्रकार की बीमारी पाईं गईं हैं।
