सिंधिया के आग्रह पर मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार ने भेजा एमओयू

शिवपुरी। आखिरकार प्रदेश सरकार ने शिवपुरी में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए एमओयू केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को 29 जुलाई 2015 को भेज दिया। जिसमें शिवपुरी के अलावा छिंदवाड़ा में भी मेडिकल कॉलेज खोले जाने का उल्लेख किया गया है। 

ज्ञात रहे कि शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज के लिए क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था, तब राज्य सरकार ने एमओयू भेजा। मप्र के चिकित्सा एवं शिक्षा संयुक्त सचिव संजय श्रीवास्तव ने संयुक्त सचिव भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिल्ली को एमओयू भेजा। 

लोकसभा में छाया रहा था मेडिकल कॉलेज का मुद्दा
शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का मुद्दा लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सरगर्म रहा। उस समय में न केवल मु यमंत्री बल्कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शहर के गांधी पार्क में आयोजित सभा में कहा था कि शिवपुरी में कागज के टुकडे पर मेडिकल कॉलेज बनाने का दावा किया जा रहा है। 

7 फरवरी 2014 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलामनबी आजाद ने शिवपुरी की एक सभा में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। 

19 फरवरी 2014 को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव की ओर से मप्र शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा-शिक्षा को स्वीकृति पत्र जारी किया। 

27 फ रवरी को केंद्रीय मंत्री के तौर पर श्री सिंधिया ने भूमिपूजन किया। 

10 मार्च 2014 को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के लिए डॉ. पीके सारस्वत को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया। 

10 जुलाई 2014 को शिवपुरी कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज के लिए 12 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया। 

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज का एमओयू भेजने व इसे दूसरी जगह स्थानांतरित न किए जाने के लिए 19 नवंबर 2014 व 23 जनवरी 2015 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा को दो पत्र लिखे। साथ ही तीन बार व्यक्तिगत मुलाकात की। 

शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज का एमओयू भेजने के लिए भारत सरकार ने तीन पत्र 1 अक्टूबर 2014ए 9 जनवरी 15 व 20 अप्रैल 15 को मप्र शासन को भेजे। 

कांग्रेस विधायकों का दल 12 दिसंबर 2014 व 3 जून 15 को मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला। अंत: 17 माह बाद 29 जुलाई 2015 को राज्य सरकार ने भारत सरकार को एमओयू भेजकर 141.75 करोड़ रुपए की राशि आवंटन करने के लिए लिखा।