पत्थर उत्खन्न होगा तो कैसे रहेगी सोन चिरैया: हाईकोर्ट ने पूछा

भोपाल। ग्वालियर हाईकोर्ट ने सोन चिरैया क्षेत्र में चल रहे अवैध पत्थर उत्खन्न के मामले की एक पीआईएल की सुनवाई करते हुए शासन से पूछा है कि अवैध उत्खन्न होने से इस क्षेत्र में सोन चिरैया कैसे रह सकती है। हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या इस क्षेत्र मे जो खदाने चल रही है वे नियमानुसार चल रही है। उन्है लायसेंस मिले हुए है।

हाईकोर्ट ने ग्वालियर, शिवपुरी तथा दतिया जिले के जिले सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र में पत्थर के अवैध उत्खन्न के मामले मे हाईकोर्ट ने शासन को अवैध उत्खन्न के मामले की जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए है।

हाई कोर्ट ने शासन को छह माह में रिर्पोट हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए है।

न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी तथा न्यायमूर्ति बीडी राठी की युगलपीठ ने ग्राम सुनारी निवासी रामभरती शर्मा प्रस्तुत जनहित याचिका का निराकरण करते हुए यह निर्देश दिए।

रामभरती ने शर्मा ने एडवोकेट जीपी चौरसिया के माध्यम से प्रस्तुत याचिका में कहा था कि कि घाटीगांव सहित दतिया एंव शिवपुरी जिले में आने वाले सोन चिरैया अ यारण्य क्षेत्र में चल रहे पत्थर के अवैध उत्खन्न को रोका जाए।

याचिकाकर्ता का कहना था कि अवैध उत्खन्न से इस क्षेत्र में सरंक्षित वन्य प्रणियों की सूची में शामिल सोन चिरैया के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो गया है। याचिकाकर्ता का कहा था कि सोन चिरैया नही होने के दावे करते हुए इस क्षेत्र में अवैध उत्खन्न में लगे लोग इस क्षेत्र को डीनोटिफाइ कराने के प्रयास में लगे हुए है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान जेडी सूर्यवंशी,सुशील चतुवेर्दी तथा आशीष सारस्वत ने भी अपना पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने सभी पक्षो को सुनने के बाद कलेक्टर ग्वालियर,शिवपुरी एंव दतिया तथा यहां के पुलिस अधीक्षको केा एक सयुक्त जांच दल गठित कर क्षेत्र में हो रहे अवैध उत् ान्न की जांच कर तथा उस पर रोक के लिए कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए है।