अधीनस्थों की गैर जिम्मेदारी ने एसपी बंगले पर कराया हंगामा

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शिवपुरी। पुलिस अधीक्षक शिवपुरी के बंगले पर बांकड़े हनुमान मंदिर के दर्शनार्थियों ने जाकर नारेबाजी की और इस बात का विरोध किया कि उनकी इस धार्मिक यात्रा पर प्रतिबंध पुलिस क्यों लगा रही है। मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस अधीक्षक मोह मद युसूफ कुर्रेशी ने बांकड़े हनुमान मंदिर पर जा रहे यात्रियों के डीजे वाहन को वापिस कराया।

हालांकि इस घटनाक्रम को भाजपा के कुछ लोगों के द्वारा तूल देने का प्रयास किया जा रहा था और धार्मिक उन्माद की आड़ में एक पुलिस अधीक्षक के खिलाफ वातावरण बनाने की मुहिम थी। प्रश्न यह उठता है कि राजेश्वरी मार्ग पर स्थित निवासरत लोगों ने यदि पुलिस अधीक्षक को अपनी परेशानी बयां की तो पुलिस अधीक्षक ने कंट्रोल रूम के माध्यम से यह संदेश पहुंचाया कि संबंधित बीट पर गश्त करने वाले अधिकारी मामले में कार्यवाही करके वाहन को जब्त करें।

देहात थाना के निरीक्षक संजीव तिवारी ने बिना इस बात के जाने कि मामला क्या है और डीजे वाहन को थना कोतवाली में रखवा दिया। जब्त होने के बाद जब मामला धार्मिक वातावरण से जुड़ गया तो डीजे वाहन लेने धार्मिक यात्रीगण पहुंचे तो नगर निरीक्षक कोतवाली सुनील श्रीवास्तव ने बिना इस बात की तहकीकत किए कि मामला एक आईपीएस की छीछालेदार से जुड़ सकता है और गैर जि मेदार तरीके से उन लेागों को भगा दिया। जिसकी परिणीति में पुलिस अधीक्षक के बंगले पर लोग इकठ्ठा हुए लेकिन पुलिस अधीक्षक की दूरदर्शिता ने मामले को शांत कराया।

गत दिवस अलसुबह के समय बांकड़े हनुमान मंदिर दर्शन करने वाले लोग ग्रामीण अंचल से निकलकर राजेश्वरी रोड़ से जा रहे थे कि तभी स्थानीय निवासियों ने इस शोरगुल की सूचना पुलिस अधीक्षक को दी। पुलिस अधीक्षक शिवपुरी इस बात से अनभिज्ञ थे कि बांकड़े हनुमान मंदिर पर मंगलवार को पैदल यात्री अपनी मन्नत पूरी करने के लिए ग्रामीण अंचलों से पिछले कई समय से जा रहे है। शिकायतकर्ता भी जानते थे कि यह बांकड़े मंदिर जाने वाले लोगों का दल है  लेकिन उन्होंने शोरगुल की शिकायत की जिस पर पुलिस अधीक्षक मो.युसूफ कुर्रेशी ने त्वरित कार्यवाही करते हुए वाहन जब्त करने के आदेश दिए।

देहात थाना निरीक्षक को सूचना मिली और उन्होंने लकीर का फकीर होते हुए सीधे वाहन उठाकर कोतवाली में रखवा दिया। कोतवाली के नगर निरीक्षक ने वाहन मांगने आए लोगों को बिना समझे अपनी पुलिसिया लीक पर चलते हुए भगा दिया। इससे मामले उत्तेजित हो गया और पुलिस अधीक्षक की कोठी पर धार्मिक यात्रा कर रहे लोगों न धरना दिया जिसके पीछे कुछ उपद्रवकारी लोग भी अपनी नेतागिरी को चमकाने का प्रयास कर रहे थे। नगरीय क्षेत्र में तैनात पुलिस अधिकारियों के गैर जि मेदार रवैये के कारण यह पहला मौका शिवपुरी में आया है जिसमें पुलिस अधीक्षक के बंगले पर सीधे तौर पर हंगामा खड़ा हो गया। 
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