शिवपुरी शराब घोटाला: बड़े अधिकारी जांच की जद में

0
शिवपुरी। बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में आया शराब टेण्डर प्रक्रिया एक बार फिर से चर्चा में है। यहां बताया जाता है कि इस टेण्डर प्रक्रिया के तहत 9 करोड़ की शराब को 3 करोड़ रूपये में शराब ठेकेदार को लाभ देने की नीयत से टेण्डर दे दिया गया।

यह मामला अब भोपाल स्तर तक भी पहुंच गया है और मामले में कार्यवाही के तहत आबकारी अधिकारी शैलेष सिंह व डिप्टी कमिश्नर सुरेश पाण्डे को भी हटा दिया गया है। ऐसेे में चर्चा है कि कुछ और अधिकारी इस मामले में कार्यवाही की जद में आ सकते है।

यूं बिगड़ा मामला
बताना होगा कि यह मामला उस समय सामने आया जब जनसंपर्क विभाग के लोकल आफिस के माध्यम से टेण्डर नोटिस जारी होने की सूचना जारी हुई। जबकि यह नोटिस जनसंपर्क संचालनालय, भोपाल को भेजा ही नहीं गया और आबकारी अधिकारी से लेकर कलेक्टर तक किसी ने भी इस बात को संज्ञान में लेना उचित नहीं समझा कि देशी शराब दुकानों की पुर्ननीलामी के लिए विधिवत टेण्डर फर्म, विज्ञप्ति का प्रकाशन आवश्यक है। बाबजूद इसके जनसंपर्क विभाग के माध्मय से प्रेसनोट के द्वारा यह टेण्डर प्रक्रिया आमंत्रित कर ली गई।

जिला प्रशासन पर लगा 9 करोड़ घोटाले का आरोप
बताया जाता है कि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन एक तरह से कठघरे में है क्योंकि जिला प्रशासन के हवाले से ही जनसंपर्क विभाग द्वारा शराब की दुकानों की टेण्डर प्रक्रिया की सूचना अखबारों में प्रकाशित हुई। इस मामले में शिवपुरी जिला प्रशासन ने करीब 09 करोड़ के शराब ठेकों की पुर्ननीलामी के लिए अदद विज्ञापन जारी नहीं किया जो और मात्र एक प्रेसनोट को ही टेण्डर नोटिस की मान्यता दे डाली, जबकि उसका प्रकाशन भी ठीक उसी दिनांक को हुआ जिस दिन ठेका होना थे। ऐसे में जाहिर सी बात है कि विभाग ने एक सोची समझी रणनीति के तहत यह सब किया और 09 करोड़ का ठेका मात्र 03 करोड़ में रूपये में दे दिया गया।

लायसेंस फीस जमा नहीं की इसलिए छोड़ दिया था ठेका
यहां जिस ठेकेदार को 09 करोड़ का ठेका 03 करोड़ में दिया गया है उसके पीछे जानकारी लगी है कि पहले अधिक बोली लगवाकर ठेका लिया गया और फिर उन्हें चंद रोज संचालित करने के बाद लायसेंस फीस जमा ना करके छोड़ देना भी एक सोची समझी प्रक्रिया का ही हिस्सा रहता है। जिसमें अधिकारियों का गुट संलिप्त रहता है फर्म द्वारा ठेका संचालन से हाथ खड़े करने के बाद किसी का ध्यान टुकड़ों में निकली निविदाओं पर कम ही जाता है और फिर सांठगांठ से अधिकारियों को उपकृत कर शराब कारोबारी करोड़ों के ठेके कौडिय़ों के भाव यूं ही हथिया लेते है। यह मामला अब जांच का विषय बन गया है।

इनका कहना है
वह तो विज्ञापन है और यह भोपाल से प्रकाशित होना चाहिए था लेकिन हमें जो पत्र मिला वह  सूचना के लिए थी इसलिए अधिक से अधिक लोग जान सके, हमने भी सूचना के माध्यम से प्रकाशित किया अब आगे इस मामले में क्या कुछ है हमें जानकारी नहीं। इस मामले में आप कलेक्टर से ही बात करें।
अनूप भारतीय
जनसंपर्क अधिकारी, शिवपुरी

Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!