भैरों बाबा की सवारी का विधि विधान से अंतिम संस्कार

शिवपुरी। भैरो बाबा उत्सव समिति ने भैरो बाबा की सावारी एक कुत्ते का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से किया। इस कुत्ते का विगत दिवस एक्सीटैंड में मौत हो गई थी। समिति ने इस कुत्ते का अंतिम सस्कार शहर के मुक्ति धाम पर किया गया। बताया गया है यह कुत्ता भैरो बाबा की आरती में सुबह शाम निर्वाध रूप से हिस्सा लेता था।

जानकारी के अनुसार जैसे ही धर्मशाला रोड पर स्थित भैरो बाबा मंदिर की आरती शुरू होताी थी और मंदिर के घंटे बजना शुरू होते थे यह परी नाम का कुत्ता इन घंटो की अवाज सुनकर कही भी हो यह मंदिर पर आ जाता था और मंदिर के अंदर दोनो पैरे भैरो बाबा की ओर कर सास्टांग की मुद्रा में बैैठ जाता था आरती खत्म होते ही मंदिर से बाहर आकर बैठ जाता था। इसके बाद पुजारी इसको प्रसाद देता यह प्रसाद ग्रहण कर चला जाता था।

बताया गया है कि यही क्रम इस परी का सालो से चला आ रहा था। सुबह-शाम की आरती करवाना इसकी दिनचर्या का हिस्सा था। ौरो बाबा उत्सव समिति के सदस्यो ने बताया कि यह परी नाम का कुत्ता मंदिर की घंटो की आवाज सुनकर समिति के सदस्यो का पैर पकड मंदिर जाने का भी आग्रह करता था माना कहता हो कि बाबा की आरती शुरू हो रही है और आप यह खडे हो।

समिति के सदस्यो ने बताया यह परी केवल आरती के समय ही मंदिर में प्रवेश करता था। इसके बाद यह मंदिर में नही जाता था। भैरो बााबा मंदिर के हर कार्यक्रम में इसकी भूमिका रहती थी हर साल गणेशजी के त्यौहार पर गणेश लाना,गणेशजी के अचल झांकियो में झांकिया निकलते समय पूरे साथ यह समिति के सदस्यो के साथ चलता था।

इस कारण यह परि समिति का एक हिस्सा ही था किसी सदस्य की तरह ही था और भैरो बाबा की सावारी भी कुत्ता ही है,यह हमारे बाबा की सवारी का एक रूप ही था, परि का एक्सीटैंड हो गया और इसमें इसकी  मौत हो गई और इसने अपने प्राण ही बाबा सरकार के मंदिर के सामने ही त्यागे इस कारण ही हमने यह निर्णय लिया कि इस बाबा के भक्त का अंतिम संस्कार भी पूरे विधि विधान से किया जाए इस कारण परि का अंतिम संस्कार शहर के मुक्ति धाम में समिति के सभी सदस्यो ंकी मौजुदगी में किया गया।