शिवपुरी। अभी यह मामल सामने आया है कि लडकी स्कूल मे पढ रही है और उसे अनपढ़ बता कर उसका मेडिकल करवा कर उम्र प्रमाणित कर विवाह योग्य बताया गया है जबकि इस लडकी की उम्र 13 साल और उसकी शादी की तैयारी सरकारी विवाह सम्मेलन में करवाने की तैयारी चल रही है। लडकी बडी ने बहन ने इस शादी को रूकवाने की गुहार प्रशासन से लगाई है।
शिकायतकर्ता बहन ने प्रेस को बताया कि मेरे पिता ने 12 साल पूर्व मुझे भी 30 हजार रुपए में बेच दिया थाए जहां से मैं किसी तरह भागकर आई। मैं नहीं चाहती कि मेरी बहन के साथ भी ऐसा ही हो। उधर विवाह सम्मेलन के लिए पंजीयन करने वाले पंचायत इंस्पेक्टर का कहना है कि मैंने तो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नाम लिखा है। खास बात यह है कि नाबालिग लडकी जिस शासकीय स्कूल में अध्ययनरत है, उसके प्रधान अध्यापक तो उसकी जन्मतिथि भी बता रहे हैं, जिसमें वो 13 वर्ष की है।
रूपेपुरा गांव में रहने वाली निराशा पुत्री पर्वत सिंह लोधी, का 21 अप्रैल को होने वाले मु यमंत्री कन्यादान योजना में होने वाले सामूहिक विवाह स मेलन के लिए पंजीयन क्रमांक 42 पर नाम दर्ज हो गया। पंजीयन करने वाले पंचायत इंस्पेक्टर द्वारकाप्रसाद गुप्ता का कहना है कि हमें तो मेडिकल प्रमाणीकरण दिया गया, जिसके आधार पर पंजीयन किया।
निराशा की शादी होने की खबर जब शिवपुरी के वार्ड 16 गौशाला में रहने वाली उसकी बडी बहन असरबती पत्नी गोविंद लोधी, को मिली तो वो उसे रुकवाने के लिए अपने पति के साथ पिछोर पहुंच गई। रविवार का अवकाश होने की वजह से कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं मिल पाया।
असरबती ने बताया कि मेरे पिता शराबी हैं और वर्ष 2003 में जब मैं नाबालिग थी तो पीपलखेडा के एक व्यक्ति को 30 हजार रुपए में मुझे बेचकर ऐसे ही शादी करवाई थी। मैं किसी तरह वहां से भागकर आई और बाद में शिवपुरी के गोविंद से विवाह किया। मैं अपनी छोटी बहन के साथ अब यह नहीं होने दूंगी। प्रधान
अध्यापक ने बताई जन्मतिथि से उम्र13 वर्ष
शासकीय माध्यमिक स्कूल रूपेपुरा के प्रधान अध्यापक अशोक कुमार वर्मा का कहना है कि निराशा हमारे स्कूल में पडती है और उसने इस वर्ष कक्षा 6वीं की परीक्षा दी है। श्री वर्मा ने बताया कि हमारे स्कूल में निराशा की जन्म तिथि 17 जून 2002 अंकित है। उसकी उम्र 13 वर्ष है।
करवाता हूं पूरी जांच
मैं तत्काल इस मामले की पूरी जांच करवाता हूं। जब बच्ची स्कूल में पड रही है और वहां उसकी जन्मतिथि अंकित है तो फिर मेडिकल सर्टिफिकेट को आधार क्यों बनाया गयाए इसे भी दिखवाता हूं। नाबालिग की शादी किसी भी सूरत में नहीं होने दी जाएगी। कहां और किसके द्वारा लापरवाही रही, उसे भी चिन्हित करवाते हैं।
मुकेश शर्मा, एसडीएम पिछोर
शिवपुरी समाचार डाट कॉम का इस मामले में यह कहना है कि इस विवाह स मेलन में कई नाबालिगों की शादी की जा रही है और लडकीयां स्कुल में अध्यन्नरत है उन्है अनपढ बताकर मेडिकल टेस्ट से उम्र ज्यादा बताई जा रही है। ऐसा ही मामला यहां सामने आया है नाबालिग की शादी की जा रही है उसकी उम्र 13 बताई गई है और मेडिकल टेस्ट में उसकी उम्र में शादी के लिए योग्य बताई गई है।
प्रशासन को अब यह करना होगा की युवतियों के आसपास के सभी स्कुल की एनओसी भी कागजो में लगवानी होगी तब यह उम्र को फर्जीवाडा रूकेगा। स्कुल यह प्रमाणित करेगा की यह युवती अनपढ है। इसकी उम्र का पता मेडिकल से ही चलेगा।
लेकिन अभी इस विवाह स मेलन में ऐसी युवतीयो की शादी की तैयारी चल रही है जो वास्तव में नाबालिग है और वे स्कुल में पढ रही है परन्तु परिजनो ने नाबालिग लडकियों को अनपढ बताकर मेडिकल को बोन टेस्ट कराया है और इस बोन टेस्ट से वास्तिविक उम्र का पता नह चलता है। और यह इस प्रकरण से सिद्व हो गया है।
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