माधौ महाराज की प्रतिमा के लिए हाईप्रोफाइल पॉलिटिक्स

शिवपुरी। कै. माधौ महाराज प्रथम की प्रतिमा की बरामदगी तकनीकी उलझनों में उलझ गई है। प्रतिमा सतनवाड़ा थाने के मालखाने में जमा है और एसपी ने बिना किसी आदेश के प्रतिमा देने से कांग्रेसियों को इनकार कर दिया है। कलेक्टर ने एसपी से प्रतिमा के बावत जानकारी मांगी है कि उनके पास प्रतिमा कहां से आई और किसके आदेश से वह रखी है।

दूसरी ओर से नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का कहना है कि जब मूर्ति बावत कोई विवाद नहीं है। न उसकी चोरी हुई है तो फिर प्रतिमा स्थापित करने के लिये उसे देने में हर्ज क्या है। उनका तर्क है कि सालभर पहले स्वयं सतनवाड़ा थाना प्रभारी ने नगरपालिका को पत्र लिखकर प्रतिमा सौंपने की पेशकश की थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग दो साल पहले शहर में उत्सव हत्याकाण्ड के दौरान आक्रोशित लोगों ने माधव चौक पर स्थापित स्व. माधौ महाराज की प्रतिमा को उखाड़ लिया था और उसे आग के हवाले कर दिया था बाद में उक्त प्रतिमा पुलिस द्वारा बरामद कर सतनवाड़ा थाने के मालखाने में जमा करा दी गई, लेकिन कुछ समय से इस मामले में हलचल आई है।

नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी, विजय शर्मा, राकेश गुप्ता आदि ने प्रतिमा स्थापित करने के लिये तलाश शुरू की तो पता चला कि वह सतनवाड़ा थाने में जमा है।

इसके बाद प्रतिमा वापस लेने के लिये कांग्रेसियों ने कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखा, वहीं सतनवाड़ा थाने जाकर प्रतिमा की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण किया। वे अपने साथ मूर्तिकार को भी ले गये थे ताकि उसे दुरुस्त कराया जा सके। प्रतिमा की सुपुर्दगी के लिये कांग्रेसियों ने जब एसपी छारी से बात की तो उन्होंने कहा कि वह सक्षम अधिकारी के आदेश के बाद ही प्रतिमा दे पायेंगे।

इस मामले में कांग्रेसियों के आवेदन पर कलेक्टर ने एसपी को पत्र लिखा जिसमें उनसे पूछा कि वह प्रतिमा कैसे उनके पास है तथा किस आदेश के तहत वह थाने में जमा है। इसके अलावा प्रतिमा से संबंधित अन्य जानकारी भी कलेक्टर ने एसपी से मांगी। इस पत्र के बाद एसपी छारी ने कलेक्टर को जबाव लिख भेजा है।

युवक कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष विजय शर्मा का कथन है कि स्व. माधौ महाराज ने शिवपुरी को बसाया था और सारे निर्माण कार्य उनके काल के हैं ऐसे महापुरुष की प्रतिमा स्थापित करने में आ रहे विवाद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है कि डेढ़ साल पहले स्वयं सतनवाड़ा के तत्कालीन थाना प्रभारी ने नपा को पत्र लिखकर प्रतिमा देने की पेशकश की थी उस समय नगरपालिका प्रशासन ने यह कहा था कि चूंकि प्रतिमा को ठीक करवाने की उनके पास अभी व्यवस्था नहीं है इसलिए वह प्रतिमा मालखाने में ही रहने दी जाये, लेकिन अब नगरपालिका परिषद ने प्रस्ताव पारित कर प्रतिमा सुपुर्दगी में लेने की मंशा जाहिर की है।