परिषद के पहले सम्मेलन में ठेकेदारो और पार्षद पतियों का रहा दबदबा

शिवपुरी। नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के निर्वाचित होने के बाद आयोजित पहली परिषद में जब तक पार्षद पतियो और ठेकेदारो को घुसने नही दिया जब तक परिषद की बैठक में हंगामा होता रहा।

एजेंडे में रखे सभी 50 बिंदुओं पर परिषद की बैठक में सहमति बनी। एजेंडे में जलसंकट सहित सीवर के तहत खोदी गई सड़कों के बाद हुए गड्ढे और धूल से राहत दिलाने के प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। जहां कुछ बिंदुओं को लेकर मुंहबाद हुआ, लेकिन उस पर भी सहमति बनी।

परिषद का स मेलन सुबह 11 बजे से प्रारंभ हुआ। वार्ड क्र. 11 की पार्षद नीलम बघेल ने वार्ड में स्वीपरों की सं या बढ़ाये जाने की बात रखी जिस पर सीएमओ कमलेश शर्मा और अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह व उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने हर वार्ड में पांच-पांच स्वीपर नियुक्त करने का आश्वासन दिया।

वहीं शहर की सबसे बड़ी समस्या बनी पेयजल पर भी एजेंडे के 10 वे बिंदु पर रखा गया जिस पर परिषद ने पेयजल समस्या से निपटने के लिये नपा सीएमओ से योजना तैयार करने के लिये कहा और बिंदू पर सहमति दी। साथ ही 120 कचरा दान एवं 4 छोटे वाहन जो कचरे के लिये डोर टू डोर जायें यह बिंदू भी एजेंडे में शामिल किया गया।

जिस पर वार्ड क्र. 38 के पार्षद के भानू दुबे ने नपा सीएमओ से सवाल किया कि पूर्व में भी इस तरह की गाडिय़ां खरीदी गईं जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ और आज वह कचरा गाड़ी कबाड़ में डली हुई हैं। ऐसी स्थिति में पुन: कचरा गाडिय़ों का क्रय करना कहां तक उचित है जिस पर सीएमओ ने आश्वासन दिया कि पहले से अच्छी क्वालिटी की गाडिय़ां खरीदी जायेंगी, साथ ही उनका संचालन नियमित रूप से किया जायेगा।

वहीं आर्किटैक्ट की संविदा नियुक्ति करने का भी प्रस्ताव परिषद में पास किया गया। सीवर लाइन के तहत खोदी गई सड़कों का पेचवर्क करने के लिए राशि स्वीकृति पर परिषद ने स्वीकृति दी। साथ ही पीएचई को दी जाने वाली 10 प्रतिशत राशि पीएचई को न देते हुए नपा स्वयं पेचवर्क का काम प्रारंभ कराये जिस पर सहमति बनी और स्वीकृति दे दी गई।

बैठक में पार्षद बलवीर यादव के उस प्रस्ताव को मंजूरी मिली जिसके तहत पेयजल वितरण और निर्माण कार्यों का भुगतान बिना पार्षद की स्वीकृति के नहीं हो सकेगा।

पीआईसी में नहीं अब परिषद में होंगे नामांतरण
पहली परिषद में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि अब नामांतरण करने का अधिकार पीआईसी को नहीं होगा, बल्कि नामांतरण के प्रकरण परिषद में रखे जाएंगे और परिषद में ही नामांतरण प्रस्तावों को स्वीकृति मिलेगी।

एक महीने में समस्या निदान नहीं हुई तो पार्षद देंगे धरना
सभी पार्षदों ने नपा प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एक महीने के अंदर उक्त समस्या से आम जन को राहत नहीं मिली तो पार्षद धरना प्रदर्शन भी करेंगे।