जिपं अध्यक्ष की कुर्सी के लिए शुरू हो गई खरीद फरोख्त

शिवपुरी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भले ही कांग्रेस और भाजपा यह दावा करे कि यह चुनाव दोनों दलों के बीच होगा, लेकिन जो खिचड़ी पक रही है उससे कई बेमेल समीकरणों के आकार लेने की संभावना बलवती हो रही है।

इसका मुख्य कारण यह है कि दोनों दलों में जबरदस्त गुटबाजी है और एक गुट दूसरे गुट के बर्चस्व को सहन करने की स्थिति में नहीं है। ऐसी स्थिति में जीत की माला किसके गले में पड़ेेगी यह कहना मुश्किल नजर आ रहा है।

भाजपा की गुटबाजी में स्पष्ट रूप से यशोधरा राजे सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर गुट का प्रभाव है। वहीं कांग्रेस में सिंधिया और केपी सिंह गुट के बीच टकराव पुरानी है। जहां तक जिला पंचायत सदस्यों की सं या का सवाल है तो कांग्रेस और भाजपा का पलड़ा लगभग भारी है।

भाजपा समर्थित सदस्यों की सं या की गणना की जाए तो वार्ड क्र. 1 से जीती विमला हरिसिंह धाकड़ , वार्ड क्र. 2 से जीती भगवती रावत, वार्ड क्र. 3 से जीती कैलाशी आदिवासी, वार्ड क्र. 5 से जीतीं रामकली चौधरी, वार्ड क्र. 6 से जीतीं कृष्णा रामस्वरूप रिझारी, वार्ड क्र. 9 से जीती मिथलेश बघेल,  वार्ड क्र. 10 से जीती पूनम कुशवाह, वार्ड क्र. 18 से जीतीं अभिलाषा लोधी, वार्ड क्र. 23 से जीती संतो देवी रावत के नाम लिये जा सकते हैं, लेकिन इनमें से कृष्णा रामस्वरूप रिझारी, संतो रावत, पूनम कुशवाह यशोधरा राजे खेमे के हैं।

जबकि विमला धाकड़, भगवती रावत, कैलाशी आदिवाीस, रामकली चौधरी, मिथलेश बघेल आदि नरेन्द्र सिंह तोमर खेमे की मानी जा रही हैं। हालांकि भाजपा ने 28 फरवरी को जिला पंचायत सदस्यों की बैठक बुलाई जिसमें 23 में से 12 सदस्य या उनके परिजन मौजूद थे और इसमें प्रत्याशी चयन का अधिकार संभागीय संगठन मंत्री प्रदीप जोशी को सौंपा गया।

 जिला पंचायत अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में डालने के लिये पार्टी पदाधिकारियों के अलावा पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी खासे सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्याशी चयन माननीय प्रदीप जी जोशी करेंगे, लेकिन मैं तो दो-चार सदस्यों को पार्टी से जोडऩे का काम कर रहा हूं ताकि अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में जाए।

भाजपा में अध्यक्ष पद के दावेदारों की यदि गणना की जाए तो कम से कम चार से पांच उ मीदवार बनने की महत्वाकांक्षा  पाले हैं। यशोधरा राजे खेमे से रामस्वरूप रावत अपनी मां या पत्नी में से किसी एक को टिकिट चाह रहे हैं। इस खेमे से मण्डी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह की बहू पूनम कुशवाह भी टिकिट की आकांक्षी है।

नरेन्द्र सिंह तोमर खेमे से मिथलेश बघेल का दावा है जबकि अभिलाषा लोधी भी टिकिट की कतार में हैं। ऐसी स्थिति में उ मीदवार घोषित होने पर सभी भाजपा सदस्यों को अपने पाले में बनाये रखना निश्चिततौर पर बहुत मुश्किल का काम होगा। जहां तक कांग्रेस का सवाल है कांग्रेस समर्थित सदस्यों में इन्दर मोगिया, डॉ. कालूराम कुशवाह, दिनेश परिहार, खेमराज आदिवासी, भारती लोधी, रामसिंह यादव, कोसाबाई, कमलाबाई, योगेन्द्र रघुवंशी, ललिता जाटव आदि के नाम लिये जा रहे हैं। केपी सिंह समर्थक सदस्यों में दिनेश परिहार, खेमराज आदिवासी, योगेन्द्र रघुवंशी, ललिता जाटव आदि के नाम चर्चा में हैं।

कांग्रेस की मुश्किल यह है कि 10 साल पहले सिंधिया खेमे ने केपी सिंह गुट को अध्यक्ष पद के चुनाव में जो धूल चटाई थी आज भी चर्चा है, लेकिन सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी इससे इनकार करते हैं। उनका कहना है कि 2005 के चुनाव में दिग्गी खेमे से लोहा लेने वाले वीरेन्द्र रघुवंशी अब भाजपा में हैं इसलिए इस चुनाव में वह टसल दिखाई नहीं देगी और पूरी कांग्रेस चुनाव के लिये एकजुट है।

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिये प्रदेश कांग्रेस महामंत्री बैजनाथ सिंह यादव की धर्मपत्नी श्रीमती कमला यादव प्रमुख उ मीदवार है। हालांकि केपी सिंह गुट की ओर से भारती लोधी के नाम की चर्चा भी है। अध्यक्ष पद के चुनाव में कई संभावनाएं सामने दिख रहीं हैं। राजनीति में सबकुछ संभव है इसे ध्यान में रखकर रणनीति संभावित उ मीदवारों द्वारा बनाई जा रही है।

 एक पार्टी के एक गुट द्वारा दूसरे पार्टी के दूसरे गुट से गठजोड़ बनाने की कोशिशें चल रही हैं। ऐसी स्थिति में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच संघर्ष के रूप में कैसे देख जा सकता है।

सदस्यों की खरीद फरोख्त हुई शुरू
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदार सदस्यों की खरीदफरोख्त में जुट गए हैं। सूत्र बताते हैं कि सदस्य पद की प्रारंभिक बोली 25 लाख रुपये से शुरू हुई है और मतदान दिन तक यह राशि 50 लाख रुपये तक पहुंच जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। वहीं जनपद पंचायत शिवपुरी के सदस्यों की प्रारंभिक बोली 10 लाख रुपये बताई जा रही है।