शिवपुरी। राजनैतिक कारणों से शिवपुरी के लिए स्वीकृत किये गये मेडीकल कॉलेज को अन्यत्र ले जाने की रणनीति के विरोध में कांग्रेस नेता रूपकिशोर वशिष्ठ ने शिवपुरी मेडीकल कॉलेज संघर्ष मोर्चा गठित करने की घोषणा की है। जिसका संयोजक परमानंद गुप्ता को बनाया गया है।
शिवपुरी मेडीकल कॉलेज संघर्ष मोर्च की पहली बैठक 22 मार्च को सुबह 10 बजे कत्थामिल के पास ग्राम बछौरा में मेडीकल कॉलेज के प्रस्तावित स्थल पर आयोजित की गई है। जिसमें गांंधीवादी तरीके से मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए दबाव बनाने हेतु सत्याग्रह की रूपरेखा तैयार की जायेगी।
प्रेस को जारी बयान में रूपकिशोर वशिष्ठ ने बताया कि केन्द्रीय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नवी आजाद ने जनता की मांग पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के आग्रह पर 190 करोड़ रुपये का मेडीकल कॉलेज फरवरी 2014 में स्वीकृत किया था।
जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के चाहने पर तत्कालीन कलेक्टर आरके जैन ने 10 जुलाई 2014 को वार्ड क्र. 1 अम्बिका कॉलेज के पास एबी रोड पर ग्राम बछौरा में 60 बीघा भूमि उपलब्ध करा दी थी, लेकिन आदेश के बाद भी नोडल अधिकारी डीन गजरा राजे मेडीकल कॉलेज ग्वालियर ने भूमि पर कब्जा प्राप्त नहीं किया और अब राजनैतिक कारणोंवश उक्त मेडीकल कॉलेज को अन्यत्र ले जाने की तैयारी चल रही है।
राजनैतिक कारण से ही शिवपुरी के लिए स्वीकृत एग्रीकल्चर कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, 300 बिस्तर का नवीन अस्पताल, महिला शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय आदि उपलब्धियां दूसरे स्थान पर ट्रांसफर कर दी गई हैं।
जिससे शिवपुरी देश का सर्वाधिक पिछड़ा जिला बना हुआ है, लेकिन शिवपुरी की जागरुक जनता ऐसा नहीं होने देगी और सबसे पहले मेडीकल कॉलेज शिवपुरी में खुलवाने हेतु मेडीकल कॉलेज संघर्ष मोर्चे का गठन किया गया है। इसमें शिवपुरी के सभी जागरुक नागरिकों को आंदोलन हेतु सुझाव के लिए आमंत्रित किया गया है।