शारदा यादव की हार का ठीकरा चुनाव आयोग की सर पर

शिवपुरी। शिवपुरी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही श्रीमती शारदा रावत जंप सदस्य का चुनाव हारने का कारण उनके पति अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग के सर पर फोड दिया है।

पराजित प्रत्याशी श्रीमती शारदा रावत के पति भाजपा नेता रामस्वरूप रावत ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की गलती और मिलते जुलते चुनाव चिन्ह के कारण उनकी पत्नी पराजित हो गईं।

उनकी पत्नी को मिलने वाले अधिकांश वोट एक अन्य प्रत्याशी लीला रावत को मिले जिनका चुनाव चिन्ह रेडियो था जब उनकी पत्नी का चुनाव चिन्ह हारमोनियम था। दोनों चुनाव चिन्ह दिखने में एक जैसे लगते थे। लीला रावत को 2700 से अधिक मत मिले हैं।

भाजपा नेता रामस्वप रावत ने बताया कि वार्ड क्र. 9 में उनकी पत्नी सहित 19 उमीदवार चुनाव मैदान में थे इसी कारण दो ईव्हीएम मशीनें लगाई गईं थी क्योंकि एक मशीन में 16 उ मीदवारों के नाम ही आ सकते थे।

शारदा रावत के पति भाजपा नेता रामस्वरूप रावत ने बताया कि उनकी पत्नी का मशीन में नंबर 15 था और उन्होंने मतदाताओं के बीच प्रचार किया था कि नीचे से दूसरे नंबर पर उनका नाम तथा चुनाव चिन्ह है जबकि पहली मशीन में 16 वें स्थान पर नोटा होने के कारण उस चिन्ह को दबा दिया गया।

चूंकि उन्होंने मतदाताओं के बीच गांवों में जा-जाकर प्रचार किया था कि उनकी पत्नी का चुनाव चिन्ह नीचे से दूसरे स्थान पर है। लेकिन नोटा दबा होने के कारण दूसरे स्थान पर लीला रावत का नाम और चुनाव चिन्ह था। जिसका चुनाव चिन्ह रेडियो था जो कि उनकी पत्नी के चुनाव चिन्ह हारमोनियम से मिलता था।

इस गलतफहमी के कारण उनके मतदाताओं ने लीला रावत को वोट दे दिया। रामस्वरूप शिकायत करते हैं कि चुनाव चिन्ह मिलते-जुलते होने के कारण ही उनकी पत्नी की पराजय हुई। उनकी पत्नी को चुनाव में 4956 मत मिले और वह महज 342 मतों से चुनाव हार गईं। मिलते-जुलते चुनाव चिन्ह के लिये रामस्वरूप ने चुनाव आयोग को जि मेदार ठहराया है।