शिवपुरी। शहर के अभिभाषक विजय तिवारी की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने नगरपालिका द्वारा फॉगिग मशीन की खरीद की लोकायुक्त जांच शुरू कर दी है। इस सिलसिले में लोकायुक्त पुलिस ने नगरपालिका से रिकॉर्ड तलब किया है। आरोप है कि फॉगिग मशीन बाजार मूल्य से सवा चार लाख रुपये की अधिक दर से खरीदी गई है। लोकायुक्त जांच शुरू होने से तत्कालीन सीएमओ और पूर्व नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अष्ठाना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि उन्हीं के कार्यकाल में फॉगिग मशीन की खरीद की गई थी। इस मशीन का मच्छर भगाने में इस्तेमाल किया जाता है।
अभिभाषक विजय तिवारी ने शिकायत में लिखा था कि फॉगिग मशीन बाजार में 2 लाख 20 हजार रुपये में उपलब्ध है, लेकिन नगरपालिका ने इसकी खरीद साढ़े 6 लाख रुपये में कर नगरपालिका के कोष को सवा चार लाख रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है और इस तरह से बड़े पैमाने पर खरीद में भ्रष्टाचार किया गया है। लोकायुक्त ने प्रथम दृष्टि में शिकायत सही पाने पर मामले को दर्ज कर लिया है और लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक राकेश गोविल ने नगरपालिका से मशीन खरीद का रिकॉर्ड मंगाया है। श्री तिवारी ने लोडिंग टे्रेक्टर खरीद की भी शिकायत की है, लेकिन अभी यह मामला दर्ज नहीं किया गया है।
जनहित याचिका से नपाध्यक्ष सहित पीआईसी हुई थी बर्खास्त
अभिभाषक विजय तिवारी ने नगरपालिका के क्वार्टरों में अवैधानिक रूप से रह रहे लोगों से क्वार्टर खाली कराने हेतु माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी और इस याचिका की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ था कि नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना की अध्यक्षता वाली पीआईसी ने क्वार्टर खाली कराने के कुछ मामले न्यायालय से वापस लेकर नगरपालिका के हितों पर कुठाराघात किया था। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने शासन को कार्यवाही करने का निर्देश दिया था और उसी निर्देश के अनुक्रम में नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना सहित तत्कालीन पीआईसी के सभी पार्षदों को बर्खास्त कर दिया गया था।