सचिव की गलती भुगत रहे हितग्राही, खाद्यान्न से हुये बंचित

पोहरी। खाद्यसुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना को कर्मचारियों की अनियमितताओं का शिकार होना पड रहा है, पोहरी जनपद पंचायत क्षेत्र के कई ग्रामीणों और आदिवासियों को इन गलतियों के चलते समय पर खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

जानकारी के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर कलेक्टर खासे गंभीर हैं परंतु उनकी इन गंभीरता को कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पलीता लग रहा है, उपसिल ग्राम पंचायत के आदिवासी बाहुल्य ग्राम भोजपुर, कोल्हापुर, उपसिल के कई हितग्राहियों को पात्रता पर्ची में त्रुटी होने के कारण खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है।

उचित मूल्य की दुकान पर खाद्यान्न लेने गये कई हितग्राहियों को खाली हाथ ही लौटना पडा क्योंकि उनकी पर्ची पर खाद्य शाखा प्रभारी के हस्ताक्षर नहीं थे कई पर्चियों पर मुखिया का नाम ही गलत अंकित था। छिन्गा पुत्र सुंदरा आदिवासी, आशाराम पुत्र मुरारी आदिवासी, नंदलाल पुत्र हरपाल आदिवासी, परसादी पुत्र देवीलाल आदिवासी आदि को वर्तमान में खाद्यान्न वितरित नहीं किया गया, पात्रता पर्ची में गलती के चलते कई जरूरतमंदों के घर की आग भी ठंडी पड चुकी है उनके घर में खाने को अनाज का दाना तक नहीं है, ऐसे में खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं मु यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की हवा निकलती दिख रही है।

मेरे द्वारा बिना फूड इंस्पेक्टर के दस्तखत के कोई पर्ची नहीं बांटी गई मेरे पहले बांटी हो तो पता नहीं और किसी पात्रता पर्ची में नाम बगैरह गलत है तो उसका वैरीफिकेशन करके सुधार किया जायेगा।
ओमप्रकाश धाकड
प्रभारी सचिव उपसिल

जिन पर्चियों में हस्ताक्षर नहीं हुये उनमें कर दिये जायेगें और यदि कोई गलति है तो उसमें संशोधन करा दिया जायेगा कोई भी पात्र खाद्यान्न से वंचित नहीं रहेगा।
पी बंसल
खाद्य शाखा प्रभारी, पोहरी 


Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!