शांतीधाम निर्माण:मुर्दों के नाम का रूपया डकार गये सरपंच-सचिव

संतोष शर्मा/पोहरी। अगर जिंदा आदमी को सताया जाता या उसके किसी काम में भ्रष्टाचार किया जाता तो वह चिखता चिल्लादा और शिकायत भी करता ,परन्तु पोहरी जनपद पंचायतो में  सरपंच सचिव और इंजीनियरों की तिकडी ने मिलकर भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दीं, इस तिकडी नें तो मुर्दों को भी नहीं छोडा शांतिधाम निर्माण के नाम पर लाखों रूपय डकार लिये और मुर्दे इस तिकडी का विरोध भी नही कर पर रहै है।

जानकारी के अनुसार पोहरी क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में पिछले तीन वर्षों में लगभग पांच लाख की लागत से शांतिधाम निर्माण कार्य किये गये परंतु शांतिधाम आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसु बहा रहे हैं, जितनी राशि का व्यय किया जाना कागजों में दर्शाया गया उतनी से आधी राशि भी यदि ईमानदारी से खर्च की जाती तो आज मुक्तिधामों की दशा इतनी बदतर नहीं होती।

शांतिधाम निर्माण के नाम पर दाह  संस्कार हेतु चबूतरा, टीनशेड, चारों ओर की बाउण्ड्रीबाल एवं स्थल का समतलीकरण निर्माण किया जाता है, जिसमें कई पंचायतों में महज खानापूर्ति की गई है। इस पूरे फर्जीवाडे में केवल सरपंच सचिव ही जि मेदार नहीं है बल्कि इंजीनियर, एसडीओ, नरेगा अधिकारी भी बराबर के हिस्सेदार हैं।

पंचायतों में पॉच वर्षों में लाखों के कई कार्य किये जाते हैं परंतु विकास के नाम पर बहाया पैसा आखिर जाता कहां हैं इसका ईमानदारी से मूल्यांकन करने की आवश्यकता है क्योंकि ग्रामीण संयोजकता, भूमि विकास, खेत सडक योजना, मूलभूत, बीआरजीएफ आदि कई मदों से दस वर्षों में एक पंचायत में ही करोडों की राशि खर्च की जा चुकी परंतु ग्राव के हालात आज भी वैसे ही हैं जैसे पचाय वर्ष पूर्व थे।